– रजिस्ट्री से हुआ खुलासा
मैंने इसके बाद रजिस्ट्रार कार्यालय से उक्त फ्लेट की रजिस्ट्री की प्रमाणित प्रति निकलवाई तो पता लगा की उक्त फ्लेट नीलू जांगीड़ व प्रकाशचंद जांगीड़ के संयुक्त मालिकाना हक का है। नीलू को अकेले इसका विक्रय अनुबंध करने का अधिकार ही नहीं है। एसे में उसने मुझसे ८ लाख ५० हजार रूपए लेकर अनुबंध किया और धोखाधड़ी की। लक्की ने बताया की पांच माह पहले में रावजी बाजार थाने, एएसपी, एसएसपी सहित सभी अधिकारियों को शिकायत कर चुका हूं। लेकिन अब तक मामले में एफआईआर ही दर्ज नहीं की जा रही है। उधर जब हमने इस संबध में रावजी बाजार थाना प्रभारी सुनील गुप्ता से बात की तो का कहना है की मुझे याद नहीं है, मामला देखना पड़ेगा। पुराना मामला है मुझे इस बारे में पता नहीं है, देखकर ही कुछ बता पाऊंगा। शिकायतकर्ता लक्की का कहना है की मेरे साथ हुई धोखाधड़ी कागजों पर प्रमाणित है, बावजूद इसके पुलिस मुझे पिछले पांच महीने से सिर्फ चक्कर कटवा रही है। इससे आरोपित को फायदा मिल रहा है और वह खुले आम घुम रहा है।