scriptसबसे क्षमा मांगना, सबको क्षमा करना ही उत्तम क्षमा | To apologize to all, to forgive everyone is the best forgiveness | Patrika News

सबसे क्षमा मांगना, सबको क्षमा करना ही उत्तम क्षमा

locationइंदौरPublished: Sep 22, 2021 12:41:58 am

इतवारिया बाजार स्थित कांच मंदिर प्रांगण में मंगलवार शाम शहरभर के जैन धर्मावलंबियों ने क्षमा वाणी का शताब्दी वर्ष श्रद्धा व उत्साह के साथ मनाया गया। आचार्यश्री विमद सागर महाराज और आचार्यश्री प्रणाम सागर महाराज ससंघ के क्षमावाणी पर्व पर प्रेरक प्रवचन हुए।

सबसे क्षमा मांगना, सबको क्षमा करना ही उत्तम क्षमा

सबसे क्षमा मांगना, सबको क्षमा करना ही उत्तम क्षमा

इंदौर. इतवारिया बाजार स्थित कांच मंदिर प्रांगण में मंगलवार शाम शहरभर के जैन धर्मावलंबियों ने क्षमा वाणी का शताब्दी वर्ष श्रद्धा व उत्साह के साथ मनाया गया। आचार्यश्री विमद सागर महाराज और आचार्यश्री प्रणाम सागर महाराज ससंघ के क्षमावाणी पर्व पर प्रेरक प्रवचन हुए। उन्होंने कहा कि जैन धर्म एक अनादि अनंत शाश्वत धर्म है। जैन धर्मावलंबियों द्वारा भाद्र पद माह में पर्यूषण पर्व दसलक्षण धर्म बड़ी श्रद्धा एवं भक्ति पूर्वक मनाया जाता है। अश्विन कृष्णा एकम के दिन क्षमा धर्म की एक विशेष पूजा की जाती है। यह पर्व उत्तम क्षमा धर्म से शुरू होकर क्षमावाणी पर्व मनाने के साथ ही समाप्त होता है। दुनिया में यह अपनी तरह का अलग पर्व है, जिसमें क्षमा मांगी जाती है। बधाइयों के त्योहार तो बहुत आते हैं लेकिन क्षमा याचना दिवस आत्मिक सुधार का अलौकिक त्यौहार है। इसमें मन वचन और कर्म के संगम से क्षमा मांगी जाती है। आचार्यश्री प्रणाम सागर ने कहा कि क्षमा बातों से नहीं, हाथों से होना चाहिए। आज विश्व को बंदूक की नहीं बंधुत्व की जरूरत है, पूरे समाज में एकता और आत्मीयता हमेशा बनी रहे। आचार्यश्री विमद सागर महाराज ने कहा कि क्षमा एक धर्म नहीं, उत्तम क्षमा धर्म है। यह आत्मा का स्वभाव है, आप दिल से दिल को जोड़ें। प्रवचन पूर्व सामूहिक कलशाभिषेक हुए।
सेठ हुकुमचंद ने १०० वर्ष पहले की थी शुरुआत
दिगंबर जैन समाज सामाजिक संसद के अध्यक्ष राजकुमार पाटोदी ने बताया कि वर्ष 1921 में सब सेठ हुकमचंद कासलीवाल ने सामूहिक क्षमावाणी की शुरुआत इस प्रांगण से की थी। धूप दशमी पर सभी मंदिरों में मांडने की प्रतियोगिता के रिजल्ट भी घोषित किए गए। टीके वेद ने हरियाणा में नवनिर्मित अष्टापद तीर्थ पर विराजित होने वाली 151 फीट ऊंची अष्टधातु से निर्मित होने जा रही भगवान मुनिसुव्रतनाथ की मूर्ति की विस्तृत जानकारी दी। दिगंबर जैन समाज समाज संसद के प्रचार प्रमुख सतीश जैन ने बताया कि इस अवसर पर सांसद शंकर लालवानी, शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल, दिगंबर जैन समाज के सुशील पांडया, राजेंद्र सोनी, प्रिंसिपल टोंग्या, सतीश जैन, देवेंद्र सोगानी, बाहुबली पांड्या, राकेश विनायका, कमलेश कासलीवाल, धीरेंद्र कासलीवाल, अमित कासलीवाल, पुष्पा कासलीवाल व दिलीप पाटनी समेत अन्य मौजूद रहे।
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