script

होलकरकालीन गढ़ी को निहार सकेंगे पर्यटक

locationइंदौरPublished: Aug 09, 2022 09:48:43 am

Submitted by:

Sanjay Rajak

विंध्याचल पर्वतों के बीच बना जामखुर्द किला जर्जर हालत में पहुंचकर उजाड़ पड़ा था। पर्यटन विभाग द्वारा इस किले के ऐतिहासिक वैभव को बरकार रखने के लिए सुधार कार्य किया जा रहा है। जिससे कि होलकार कालीन इतिहास जीवित रहे।

होलकरकालीन गढ़ी को निहार सकेंगे पर्यटक

होलकरकालीन गढ़ी को निहार सकेंगे पर्यटक

विजय प्रजापति@ डॉ. आंबेडकर नगर (महू).

विंध्याचल पर्वतों के बीच बना जामखुर्द किला जर्जर हालत में पहुंचकर उजाड़ पड़ा था। पर्यटन विभाग द्वारा इस किले के ऐतिहासिक वैभव को बरकार रखने के लिए सुधार कार्य किया जा रहा है। जिससे कि होलकार कालीन इतिहास जीवित रहे। जुलाई में पर्यटन विभाग ने करीब 70 लाख रूपए से इस धरोहर को सहेजने का काम शुरू किया है। इस किले का काम साल के अंत तक पूरा हो जाएगा।
अहिल्या माता करवाया था निर्माण

पर्यटन विभाग के सब इंजीनियर राजकुमार रघुवंशी ने बताया कि प्राचीनाकल पद्वति से ही जामखुर्द किले का सुधार कार्य किया जा रहा है। पूरे किले के अंदर – बाहर लाईम (चूना, गुड़, बेलफल, उड़द दाल के मसाले से) प्लास्टर किया जा रहा है। इसके साथ ही लाईम कांक्रीट भी किया जाएगा। इस किले का निर्माण देवी अहिल्या बाई के शासनकाल में हुआ था। होलकर स्टेट की दोनों राजधानियों में आने – जाने के दौरान रास्ते में विश्राम के लिए उक्त किले का निर्माण किया गया था।
ऐसे तैयार होता है लाईम कांक्रीट

चूने को गलाकर गैस निकाली जाती है। इसके बाद बेलफल, गुड और उड़द दाल मिलाकर मसाला तैयार किया जाता है। पूराने समय में इसी मसाले से पत्थरों की जुड़ाई की जाती थी। इसमें सीमेंट की अपेक्षा की अधिक खर्च आता है, लेकिन इसमें मजबूत पकड़ होती है।
जाम गेट भी तैयार

पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय के उपसंचालक प्रकाश परांजपे ने बताया कि प्राचीनकालीन पद्धत्ति से ही जामगेट का सुधार कार्य किया गया है। इसके लिए पूरे गेट पर दिवार में लाइन(चूना, गुड़, बेलफल, उड़द दाल का मसाला) प्लास्टर किया गया है। इसके साथ छत में जहांं-जहां लिकेच है, वहां लाइन कांक्रिट किया गया।

ट्रेंडिंग वीडियो