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ट्रेड लाइसेंस कम बनने पर नगर निगम की मार्केट-लाइसेंस शाखा एक

locationइंदौरPublished: Jul 08, 2020 10:49:57 am

Submitted by:

Uttam Rathore

दोनों विभाग का संयुक्तिकरण करके के बिल कलेक्टर और वसूली सहायकों को सौंपा जोनवाइज काम

ट्रेड लाइसेंस कम बनने पर नगर निगम की मार्केट-लाइसेंस शाखा एक

ट्रेड लाइसेंस कम बनने पर नगर निगम की मार्केट-लाइसेंस शाखा एक

इंदौर. नगर निगम से ट्रेड लाइसेंस बनता है। शहर में व्यावसायिक और अन्य संस्थाओं की संख्या अधिक है, लेकिन लाइसेंस कम ही बनते हैं। कारण लाइसेंस शाखा में स्टाफ की कमी को बताया जाता है। लाइसेंस की संख्या कम होने पर मार्केट और लाइसेंस शाखा का संयुक्तीकरण कर दिया गया है, ताकि दोनों विभाग मिलकर लाइसेंस बनाने की कार्रवाई करें और इनकी संख्या के साथ राजस्व भी बढ़ा सकें। दोनों विभागों के बिल कलेक्टर और वसूली सहायकों को जोनवाइज काम भी सौंप दिया है।
शहर में दुकानें, शॉपिंग मॉल, प्राइवेट ऑफिस सहित अन्य व्यावसायिक संस्थाओं का ट्रेड लाइसेंस निगम बनाती है। इनकी संख्या लाखों में है, लेकिन लाइसेंस आंकड़ा 70 हजार के आसपास ही है। नए लाइसेंस बनते बहुत कम हैं और रीन्यूअल 49 हजार के आसपास का ही होता है। इससे निगम को राजस्व की हानि अलग होती है। इस पर निगमायुक्त ने प्रशासकीय कार्य सुविधा की दृष्टि से व्यवस्था में बदलाव किया है। लाइसेंस बढ़ाने के लिए निगम मार्केट विभाग और लाइसेंस शाखा को एक कर दिया है। दोनों के कर्मचारियों को बिल कलेक्टर और वसूली सहायक के पद पर जोनवाइज नियुक्त किया है, जो समान रूप से काम करेंगे।
इस संयुक्तिकरण से निगम को उम्मीद है कि लक्ष्यानुरूप 100 प्रतिशत वसूली और इंदौर निगम सीमा में व्यावसायिक गतिविधियों को देखते हुए एक लाख से अधिक संख्या में ट्रेड लाइसेंस बन जाएंगे। इनके काम पर उपायुक्त लोकेंद्र सिंह सोलंकी और प्रभारी सहायक राजस्व अधिकारी जितेंद्र पांडे नजर रखेंगे। अगर कहीं कोई गड़बड़ी और लापरवाही पाई तो निगमायुक्त को अवगत कराकर कार्रवाई भी करेंगे।
दोनों विभागों में कर्मचारी ज्यादा, काम कम
राजस्व विभाग के अंतर्गत आने वाले मार्केट विभाग में कार्यरत 12 बिल कलेक्टर और 12 सहायकों के साथ 15 कार्यालयीन कर्मचारियों के द्वारा निगम की लगभग 4 हजार दुकानों व गुमटियों का किराया, विज्ञापन शुल्क, अनुरक्षण शुल्क आदि की वसूली की जाती है। कर्मचारियों की तुलना में वसूली कार्य बहुत न्यूनतम होने के पश्चात भी लक्ष्यानुरूप काम नहीं होता था। इसी तरह लाइसेंस शाखा में ट्रेड लाइसेंस नए बानाने और रीन्यूअल के लिए 11 बिल कलेक्टर, 11 सहायकों और 14 कार्यालयीन कर्मचारी तैनात हैं। इनके द्वारा हर वर्ष 49 हजार ट्रेड लाइसेंस ही रीन्यू होते हैं और नए की संख्या कम रहती है। दोनों विभाग की समीक्षा करने पर सामने आया कि अमला अधिक होने के बावजूद काम बहुत कम होता है, इसलिए निगमायुक्त ने दोनों विभागों का संयुक्तीकरण कर सभी जोन में एक-एक कर्मचारी तैनात कर दिया, ताकि मार्केट विभाग की समस्त कार्रवाई और वसूली के साथ नए लाइसेंस बनाने व रीन्यूअल का काम एकसाथ हो जाए।
688 में से 88 व्यवसायों को छूट
निगम परिषद में पास प्रस्ताव के हिसाब से 688 तरह के व्यवसाय के लाइसेंस निगम बनाता है। इसमें से 88 व्यवसाय को लाइसेंस शुल्क से छूट दी गई है। बाकी 600 व्यवसाय के लाइसेंस निगम को बनाना है, लेकिन इनका आंकड़ा भी शहर में दुकानों के हिसाब से कम है।

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