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हांगकांग-लक्जमबर्ग के एक्सचेंज वॉलेट में ट्रांसफर की क्रिप्टो करंसी

locationइंदौरPublished: Dec 02, 2021 08:43:16 pm

मां व पत्नी के वॉलेट में रखी 20 लाख की क्रिप्टो करंसी सीज

हांगकांग-लक्जमबर्ग के एक्सचेंज वॉलेट में ट्रांसफर की क्रिप्टो करंसी

हांगकांग-लक्जमबर्ग के एक्सचेंज वॉलेट में ट्रांसफर की क्रिप्टो करंसी

इंदौर. स्थानीय सॉफ्टवेयर कंपनी के जापानी क्लाइंट के क्रिप्टो करंसी ऐप से करीब 6.७० करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने वाले सॉफ्टवेयर डेवलपर ने बचने के लिए विदेशी एक्सचेंज वॉलेट का भी सहारा लिया था, लेकिन सफल नहीं हो पाया। उसने हांगकांग और लक्जमबर्ग की एक्सचेंज वॉलेज में क्रिप्टो करंसी ट्रांसफर की और फिर अपने वॉलेट में लाया।
साइबर सेल की टीम धोखाधड़ी के आरोपी संदीप गोस्वामी से पूछताछ कर रही है। सॉफ्टवेयर कंपनी ने जापानी क्रिप्टो करंसी ऐप को डेवलप किया था और कंपनी के लिए आरोपी संदीप ने सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट का काम किया था। चूंकि उसे पूरी तकनीकी जानकारी थी इसलिए फर्जी निवेश दर्शाकर बोनस में मिलने वाली राशि की धोखाधड़ी की थी। दो साल में 6 करोड़ 70 लाख की क्रिप्टो करंसी की धोखाधड़ी आरोपी ने की थी।
एसपी, जितेंद्रसिंह के मुताबिक, पूछताछ में पता चला कि आरोपी ने बचने के लिए काफी चालाकी दिखाई थी। उसने वजीर एक्स क्रिप्टो एक्सचेंज पर खुद के साथ ही मां व पत्नी के नाम से वॉलेट बनाए थे। इन वॉलेट में उसने जापानी कंपनी के उपयोगकर्ताओं की क्रिप्टो करंसी को करीब 250 से ज्यादा बार ट्रांसफर किया। तीनों वॉलेट में टोकन, बिटक्वाइन, आइएसडीटी, डोगी आदि करीब 20 लाख की क्रिप्टो करंसी है जिसे सीज करा दिया गया है। पता चला कि आरोपी ने चालाकी दिखाते हुए हांगकांग के एक्सचेंज वॉलेट बिनेंस व लक्जमबर्ग (यूरोप) की ब्लॉक चेन डॉट कॉम एक्सचेंज वॉलेज में क्रिप्टो करंसी ट्रांसफर की और फिर वहां से अपने खाते में ले आया ताकि किसी को पता न चले लेकिन तकनीकी जांच में उसकी कारस्तानी सामने आ गई।
फरियादी पीयूष सिंह की कंपनी ने जापानी कस्टमर के लिए ऐप बनाया था। ऐप वर्क नाम की ऑनलाइन साइट के जरिए उन्हें काम मिला था। कंपनी का जापानी संचालक उनके काम से इतना प्रभावित हुआ और वह मई-जून 2019 में डील फाइनल करने इंदौर आया था। फरियादी की पहले दूसरी कंपनी थी लेकिन जापानी संचालक के सुझाव पर उन्होंने नई कंपनी शुरू कर ऐप डेवलप किया और आरोपी संदीप को साथ लिया था लेकिन संदीप ने कंपनी में ही सेंध लगा दी। यह भी पता चला कि संदीप ने बहन के नाम से कंपनी बनाई थी और ऑनलाइन साइट के जरिए व्यापार हासिल कर रहा था। साकेत नगर के नवज्योति अपार्टमेंट में उसका फ्लैट है। टीम उसे वहां लेकर गई, लेकिन चाबी नहीं होने से अंदर नहीं जा सकी। आरोपी ने धोखाधड़ी की राशि से फ्लैट के इंटीरियर डिजाइन पर 10 लाख रुपए खर्च किए थे। पत्नी व मां के नाम वॉलेट बनाने की जांच चल रही है। भूमिका सामने आने पर यह लोग भी आरोपी बन सकते हैं। पुलिस अन्य संपत्तियों की भी जानकारी हासिल कर रही है।
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