नगर निगम की वर्कशाप शाखा द्वारा ट्री एम्बुलेंस को तैयार किया गया है। इन वाहनों में पानी के साथ दवाई और खाद के लिए टैंक बनाए गए हैं। इसमें स्प्रिंक्लर पंप के साथ ही पौधों की कांट-छांट के लिए भी उपकरण मौजूद रहेंगे। उद्यान विभाग के अधिकारियों के मुताबिक डिवाइडर पर लगे पौधे बीमारी की चपेट में आकर जल्दी सूख जाते हैं। ट्री एंबुलेंस उन पर विशेष ध्यान देने के लिए शहर के अलग-अलग इलाकों में भ्रमण करेगी। निगम के उद्यान विभाग में अभी तक पौधों के रखरखाव के लिए तीन वाहन मौजूद थे। इन पंचवटी वाहनों में उद्यान विभाग के कर्मचारी पौधों की ट्रीमिंग व कटाई के उपकरण व पौधे ही ले जाते थे। इसमें से ही एक वाहन को ट्री एम्बुलेंस में तब्दील किया गया है।
आम लोगों के घरों व उद्यानों में लगे पेड़ पौधों के उपचार के लिए भी उपलब्ध. ट्री एम्बुलेंस में पानी की 500-500 लीटर की दो पानी टंकी, दवाई के लिए 200 लीटर का टैंक व लिक्वड खाद के लिए टैंक लगा हैं। इसमें एक पंप भी लगाया है। इसके पाइप के माध्यम से पौधों व पेड़ों पर दवा का छिड़काव भी किया जा सकेगा। ट्री एम्बुलेंस में पौधों की कंटाई.-छंटाई के लिए हर प्रकार की कटर है। पौधों की बडिंग करने के लिए अलग उपकरण हैं। इसके अलावा पेड़ों की ट्रिमिंग के लिए कैचियां भी है। खास बात यह है कि निगम के उद्यान व पेड़ों के अलावा यह ट्री एम्बुलेंस आम लोगों के घरों व उद्यानों में लगे पेड़ पौधों के उपचार के लिए भी उपलब्ध होगी। फोन कॉल पर यह आपके घर पहुंच जाएंगी. इसके उपयोग के लिए लोगों को न्यूनतम शुल्क देना होगा।