इंदौर. पहली बार जीएसटी का वार्षिक रिटर्न दाखिल होने जा रहा है। इसके लिए अंतिम तिथि 30 जून निर्धारित की गई है। रिटर्न के तमाम बिंदुओं को समझाने के लिए सोमवार को माणिकबाग स्थित सीजीएसटी कार्यालय में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें आयुक्त नीरव मल्लिक व संयुक्त आयुक्त वीरेंद्र कुमार सिंह कर सलाहकारों, सीए, वकील व व्यापारियों से मुखातिब हुए। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने रिटर्न जमा करने की प्रक्रिया को जटिल बताते हुए पूछा कि रिटर्न का प्रारूप बनाने में डेढ़ साल लग गए है। ऐसे में व्यापारी लोग सिर्फ डेढ़ महीने की अवधि में कैसे समझ सकते हैं। रिटर्न जमा करने के लिए दिए समय के साथ आईटीसी के प्रावधानों पर भी सवालों के झड़ी लगी। संयुक्त आयुक्त जैन ने पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन के जरिए सवालों के समाधान निकालने का प्रयास किया। उन्होंने बताया व्यापारियों को 9,9-ए और 9-सी में से कोई एक रिटर्न दाखिल करना है। मप्र टैक्स लॉ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्विन का कहना था कि 9 और 9-सी में कोई लायबिलिटी निकलती है तो ये नगद जमा करने के लिए कहा जा रहा है। इससे वे कारोबारी परेशान है जिनका आईटीसी बाकी है। चर्चा के दौरान एचएसएन कोड की अनिवार्यता पर भी स्थिति स्पष्ट करने की मांग उठी। पदाधिकारियों का कहना था कई व्यापारियों ने एचएसएन कोड का रिकॉर्ड नहीं रखा है। ऐसे में रिटर्न दाखिल करने में परेशानी आना तय है। अधिकारियों ने एसोसिएशन के पदाधिकारियों के सुझाव व आपत्ति जीएसटी काउंसिल तक भिजवाने का आश्वासन दिया।