इंदौर

इधर लगाई रोक, उधर नगर निगम खुद ही छलनी करवा रहा धरती

पानी की बढ़ती किल्लत व गर्मी में बढ़ते जलसंकट से निपटने को लिया फैसला

इंदौरFeb 27, 2019 / 02:22 pm

Uttam Rathore

इधर लगाई रोक, उधर नगर निगम खुद ही छलनी करवा रहा धरती

इंदौर. भूजल स्तर गिरने के मामले में इंदौर रेड जोन में है। इसके मद्देनजर बोरवेल पर जिला प्रशासन ने रोक लगा रखी है, लेकिन शहर में पानी की किल्लत व गर्मी में जलसंकट को देखते हुए नगर निगम ने शहर में 40 स्थानों पर 45 दिन में बोरवेल करवाने का फैसला किया है। शहर में अवैध तरीके से धड़ल्ले से बोरवेल हो रहे हैं। इस पर जिम्मेदार सरकारी विभाग का कोई अंकुश नहीं है। इसके लिए परमिशन सिर्फ वहां दी जा रही है, जहां बसाहट है और पानी का कोई स्रोत नहीं। नर्मदा या फिर पानी का अन्य कोई स्रोत होने पर परमिशन देने पर रोक है। उधर निगम ने 40 बोरवेल के लिए टेंडर जारी कर दिए हैं। इसमें बोरवेल करने के लिए समयसीमा 45 दिन रखी गई है, ताकि गर्मी में लोगों को जलापूर्ति की जा सके।
गौरतलब है कि निगम ने पिछले वर्ष गर्मी में भी शहर के जलसंकट वाले क्षेत्रों में 30 बोरवेल करवाए थे, जो गर्मी खत्म होने के आखरी दिन में हुए थे। इस बार यह काम निगम गर्मी शुरू होते ही करने जा रहा है, ताकि बाद में कोई परेशानी नहीं हो।
अनेक क्षेत्रों में जलसंकट

गर्मी के दिनों में शहर के कई इलाकों में जलसंकट गहरा जाता है। नर्मदा पाइप लाइन लीकेज होने से जहां लोगों को पानी की किल्लत झेलनी पड़ती है, वहीं भीषण गर्मी के चलते बोरवेल सूखने लगते हैं। दो दिन में पानी सप्लाय होने के बावजूद कहीं पानी मिलता और कहीं नहीं। ऐसी स्थिति में शहर की कई कॉलोनी-मोहल्लों के रहवासी खाली बर्तन लेकर इधर-उधर भटकते रहते हैं।
40 जगह डालेंगे मोटर

जलसंकट वाले क्षेत्रों में नए बोरवेल खनन के साथ मोटर पंप स्थापित करने के काम भी निगम करेगा। पहले से खोदे गए 40 से ज्यादा बोरवेल में मोटर पंप मय सामग्री के स्थापित करने के टेंडर जारी किए गए, ताकि लोगों को जलापूर्ति की जा सके। बोरवेल खनन और मोटर पंप स्थापित करने के लिए निगम 1 करोड़ 63 लाख रुपए खर्च करेगा। इसकी मंजूरी महापौर-आयुक्त ने दे दी है।

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