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सीरियल्स की राइटिंग में टीआरपी बड़ा चैलेंज

locationइंदौरPublished: Nov 30, 2017 12:03:43 pm

किसी भी राइटर का जॉब आसान नहीं होता। सीरियल की स्क्रिप्ट पर काम करते हैं तो समझ आता है आधे घंटे का एपिसोड तैयार करना कितना टफ है।

writer neha singh

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मुक्ता भावसार@ इंदौर. पवित्र रिश्ता, नागिन, कुमकुम भाग्य जैसे चर्चित सीरियल की राइटर इंदौर की नेहा सिंह ने साझा किए अनुभव। किसी भी राइटर का जॉब आसान नहीं होता। सीरियल की स्क्रिप्ट पर काम करते हैं तो समझ आता है आधे घंटे का एपिसोड तैयार करना कितना टफ है। एक करेक्टर को समझकर ऐसा कंटेंट डेवलप करना होता है, जो लोगों की फीलिंग्स और इमोशंस को कनेक्ट करे।
ये बात पवित्र रिश्ता, नागिन, कुमकुम भाग्य, जोधा-अकबर के लिए लिख चुकी शहर की राइटर नेहा सिंह का। वे अपने निजी कार्य को लेकर शहर में थी, इसी दौरान उन्होंने ‘पत्रिका’ से चर्चा में अपने एक्सपीरियंस शेयर किए। नेहा ने कहा कि कॉलेज और इंस्टिट्यूट नहीं दे सकते हैं। राइटिंग स्किल बहुत ही टफ जॉब है, इसमें ऑब्जर्वेशन, फीलिंग्स और इमोशंस पर काम करना होता है। इससे फर्क नही पढ़ता की आपने कहां से पढ़ाई की है और क्या-क्या सीखा है। ये जॉब इंडस्ट्री में एक्सपीरियंस के साथ तैयार होती है।
नेहा ने बताया कि मैंने जब शुरुआत की थी तो मुझे भी बहुत टफ लगा था लेकिन इंडस्ट्री ही सबसे बड़ा ट्रेनर है, जहां मैंने बहुत कुछ सीखा है।

सीरियल का असली हीरो कंटेंट
नेहा बोलीं, सीरियल्स की राइटिंग टीआरपी मुख्य है। अगर कंटेंट टीआरपी जनरेट नहीं कर पाता है तो सीरियल्स कु छ ही दिनों में ऑफ एयर हो जाता है। हमें १०-१० घंटों की लंबी मीटिंग के बाद ब्रेन स्टार्मिंग करना होती है। कौन-से ट्विस्ट और टर्न लाने से सीरियल हिट हो सकता है, उस पर काम करना होता है। अगर कोई राइटर नया है, तो उसे एक एपिसोड लिखने में आठ से दस घंटे लग जाते हैं। सीरियल तैयार करने में सबकी मेहनत लगती है लेकिन असली हीरो कंटेंट ही होता है।
फिल्म पद्मावती के विवाद पर बोलीं, राइटर्स समझे सोशल रिस्पांसिबिलिटी
फिल्म पद्मावती को लेकर चल रहे विवाद पर उन्होंने कहा कि जब कोई फिल्म मेकर फिल्म बनाता है, तो वह रिसर्च करता है और पूरी मेहनत से विषय को लोगों के बीच रखता है। किसी भी प्रोड्यूसर और डायरेक्टर्स के लिए सीरियल और फिल्म एक बच्चे की तरह होता है, इसलिए लोगों को चाहिए कि पहले फिल्म देखे फिर रिस्पांस दें। मैं भी हिस्टोरिकल सीरियल्स लिख चुकी हूं और बहुत रिसर्च के बाद ही कहानी लिखती हूं। राइटर्स को चाहिए कि वे अपनी सोशल रिस्पांसिबिलिटी को समझे और पब्लिक की फीलिंगस की रिस्पेक्ट करें।
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