पत्रिका की पड़ताल में पता चला, केस के सबूत तो शुरुआत से ही सामने थे। फ्लैट व परिवार की महिला तक पहुंच गई थी एसटीएफ। एसटीएफ के तत्कालीन टीआइ हरिओम दीक्षित की टीम ने केस अपने हाथ में लेकर जांच की तो पता चला था, जगदीश लापता होने के दो दिन पहले ट्विंकल बायपास की एक कॉलोनी में फ्लैट दिखाने ले गया था। ट्विंकल को यहां रखने का झांसा दिया था। पुलिस का कहना है, आरोपी वहीं ट्विंकल को मारना चाह रहे थे, लेकिन सफल नहीं हो पाए। यही नहीं, करोतिया परिवार में घटना के बाद विवाद हुआ था। एक महिला परिवार के खिलाफ हो गई थी। हालांकि एसटीएफ ने पुलिस को लीड दी तो महिला तक पहुंचे और घटना सामने आ गई। एसटीएफ महिला के पास भी पहुंचने वाली थी, लेकिन इस बीच टीआइ का ट्रांसफर जबलपुर कर दिया। वे मूल काम के लिए आए थे, वह खत्म होने को कारण बताकर जबलपुर भेजा गया था। इसके बाद किसी ने जांच आगे ही नहीं बढ़ाई। दीक्षित से संपर्क किया तो उन्होंने माना कि जांच की थी, लेकिन कुछ बता नहीं सकते।
ट्विंकल के माता-पिता को ही घेरा था पुलिस ने बाणगंगा पुलिस ने ट्विंकल की गुमशुदगी दर्ज की थी। तत्कालीन टीआइ विनोद दीक्षित ने जांच और अफसरों ने निगरानी की। बताया जा रहा है, पुलिस ने पूरा ध्यान करोतिया और उसके बेटों के बजाय ट्विंकल के माता-पिता पर ही लगाया। कई बार सख्ती से पूछताछ की। बदनावर में मोबाइल ऑन हुआ तो जिससे शादी की बात चल रही थी उस युवक अमित को लाकर पूरी ताकत लगा दी। कहा जा रहा है, उस समय के अफसरों ने माता-पिता को ही आरोपी मानकर जांच आगे बढ़ाई थी। सत्तापक्ष का नेता होने से पुलिस करोतिया पर हाथ नहीं डाल रही थी। अब पुलिस मोबाइल जांच से भी महत्वपूर्ण तथ्य मिलने की बात कह रही है। इससे साफ है, उस समय जांच अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया या नजरंदाज किया।
गृह मंत्री से मिले माता-पिता ट्विंकल के पिता संजय व मां रीटा रविवार सुबह गृहमंत्री बाला बच्चन से विजयनगर में उनके निवास पर मिले। उस दौरान एडीजी वरुण कपूर व डीआइजी हरिनारायणाचारी मिश्र भी वहीं थे। परिजन ने धन्यवाद देने के साथ ही राजनीतिक संरक्षण देने वाले पूर्व विधायक व अन्य लोगों पर कार्रवाई की मांग की। मंत्री ने अफसरों को जांच के लिए कहा। मंत्री के मुताबिक, परिजन ने 2-3 आशंकाएं जताई हैं। अफसरों से कहा है कि जो बिंदु छूट गए हैं उन पर भी कार्रवाई की जाए। टिवंकल की मां रीटा ने बताया कि दोपहर 12 बजे गृहमंत्री बाला बच्चन से उनके निवास पर मिलकर आवेदन दिया। उनके सामने पूरे घटनाक्रम की हकीकत सामने रखी। राजनीतिक संरक्षण और पुलिस की लेटलतीफी से भी अवगत कराया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि बेरोकटोक, बिना दबाव के जांच होगी और दोषियों पर कार्रवाई करवाएंगे।
घटनास्थल पर ले जाकर समझा, कैसे की हत्या पुलिस टीम आरोपियों को लेकर एमआर-10 के खेत पर गई। वहां सवा दो साल पहले घटित घटना के पूरे दृश्य को दोहराया गया। आरोपियों से समझागया कि किस तरह से ट्विंकल को लेकर वहां आए थे और विवाद के बाद गला दबाकर हत्या कर दी। आरोपियों ने पूरी घटना को अंजाम देने का तरीका बताया, पूरा वाक्ये का री कंस्ट्रक्शन किया गया।
बचाव के लिए ली बड़े वकीलों की सेवा एमवाय अस्पताल में जगदीश के साथ उनका बेटा जितेंद्र भी था। वह वकील है। जितेंद्र का कहना था कि परिवार की महिलाओं के खिलाफ केस दर्ज करने की चेतावनी देकर पुलिस ने चुप रहने के लिए कहा है। इस केस में हम वरिष्ठ वकील अविनाश सिरपुर व चंपालाल यादव की सेवा ले रहे है। चंपालाल यादव चर्चित कविता रैना हत्याकांड में भी वकील थे।