must read : बहू की इज्जत पर ससुर ने डाला हाथ, वो हांफते-हांफते पहुंची थाने 16 अक्टूबर 2016 को ट्विंकल डागरे लापता हो गई थी, जिस पर उसके माता-पिता लगातार कल्लू पर आरोप लगा रहे थे। कहना था कि भाजपा नेता जगदीश करोतिया व उसके बेटे अजय, विजय और विनय ने हत्या की है। 27 माह जांच चलती रही, जिसके बाद पुलिस ने सभी पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया, तब से वे जेल में हैं। बाणगंगा पुलिस करोतिया के अवैध साम्राज्य को खत्म करना चाहती है।
must read : ‘त्योहार पर किसी को कपड़े तक नहीं दिला सका, टीआई साहब- मरने से 15-20 मिनट पहले आपको करूंगा वॉट्सऐप’ वहीं नगर निगम से कुछ समय पहले एक शिकायत की गई थी। उसमें बताया गया था कि पोलोग्राउंड औद्योगिक क्षेत्र में बंद पड़ी आलू गोदाम फैक्टरी के आसपास करोतिया ने अवैध गुमटियों का साम्राज्य खड़ा कर रखा है। सभी गुमटियों से उसे मोटा किराया आता है। इन अवैध गुमटियों पर कार्रवाई की जाए।
निगम की रिमूवल गैंग ने किया मौका निरीक्षण पुलिस के पत्र बाद निगम की रिमूव्हल गैंग ने मौका निरीक्षण किया। अपने अफसरों का साफ कर दिया कि बड़े पैमाने पर गुमटियां लगी हुई हैं जिस पर बगैर पुलिस के कार्रवाई करना आसान नहीं है। कार्रवाई के दौरान झगड़ा या विवाद होने की पूरी आशंका है। ऐसे में अधिकारियों व कर्मचारियों की सुरक्षा बहुत आवश्यकता है।
must read : 8 साल की बच्ची को बीवी बनाकर रखने के लिए ले गया पड़ोसी, चलती बस में करने वाला था रेप इस पर नगर निगम के अपर आयुक्त देवेंद्रसिंह ने 13 नवंबर को कार्रवाई की तारीख तय करने के साथ जिला प्रशासन व पुलिस ने अफसर व पुलिस बल उपलब्ध कराने की मांग की। बताते हैं कि जब से स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट के समर्थकों ने निगम कर्मचारी की पिटाई की है तब अफसर व कर्मचारी डरे हुए हैं।
कार्रवाई के लिए राजनीतिक दबाव गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में ट्विंकल डागरे हत्याकांड पर जमकर बवाल हुआ था। तत्कालीन विधायक सुदर्शन गुप्ता पर आरोपियों को बचाने के आरोप लगे थे जिससे कांग्रेस के संजय शुक्ला को बहुत फायदा मिला। करोतिया के अवैध कारोबार को खत्म करके लिए राजनीतिक दबाव भी है ताकि उसकी आर्थिक रूप से कमर भी टूट जाए।