इंदौर

कचरा न उठाकर नगर निगम बचा रहा ढाई करोड़

ड्राइवर, हेल्पर और डीजल का बच रहा पैसा, चोइथराम मंडी में गैस के साथ बन रही खाद

इंदौरJul 31, 2018 / 10:37 am

Uttam Rathore

कचरा न उठाकर नगर निगम बचा रहा ढाई करोड़

इंदौर
चोइथराम मंडी से कचरा न उठाकर नगर निगम सालाना ढाई करोड़ रुपए बचा रहा है। यहां से कचरा उठाने और ले जाने पर परिवहन पर खर्च होने वाला पैसा भी बच रहा है। ड्राइवर व हेल्पर को वेतन नहीं देना पड़ रहा। डीजल भी बच रहा है। दरअसल, निगम मंडी के कचरे का निपटान वहीं खाद और गैस बनाकर कर रहा है।
कचरे से पैसा कमाने और बचाने का काम नगर निगम कर रहा है। एक तरफ जहां गंदगी और कचरा फैलाने वालों पर स्पॉट फाइन कर वसूली की जा रही है, वहीं घरों व दुकानों से कचरा लेने का शुल्क लिया जा रहा है। अब निगम ने कचरा न उठाकर पैसा बचाना शुरू कर दिया है, जो चोइथराम मंडी में हो रहा है, जहां काफी मात्रा में सब्जियां व अन्य वेस्ट निकलता था।
खाद खरीद रहे किसान
मंडी में निकलने वाले फल व सब्जियों के वेस्ट से रोज 500 किलो खाद बनाई जा रही है। यह खाद कंपनी मंडी पर ही काउंटर लगाकर बेच रही है।

सफाई के ले रहे साढ़े 8 लाख
चोइथराम मंडी परिसर में सफाई करने के लिए भी निगम मोटी राशि ले रहा है। इसके लिए हर महीने साढ़े 8 लाख रुपए मंडी प्रबंधन से लिए जा रहे हैं।
प्लांट लगाने के भी नहीं लगे पैसे
कचरा निपटान के लिए प्लांट लगाने पर भी पैसा खर्च नहीं किया गया। एक निजी कंपनी ने यह प्लांट लगाया और कचरे से बनी खाद को खुद ही बेच रही है। इसमें निगम का हस्तक्षेप नहीं है।
लोगों को बेचने के लिए खोलेंगे काउंटर
शहर से रोज निकल रहे 1100 टन कचरे का निपटान नगर निगम खाद बनाकर कर रहा है। अभी ट्रेंचिंग ग्राउंड से ही खाद बेची जा रही है, जो किसान ले जा रहे हैं। अब आम लोगों को भी खाद बेचने के लिए कई स्थानों पर काउंटर खोले जाएंगे। इसकी प्लानिंग स्वच्छ भारत मिशन के अफसर कर रहे हैं। खाद बनाने के लिए निगम ने कई स्थानों पर प्लांट लगा रखे हैं।
लूज में 2, पैकिंग में 3 रुपए किलो
देवगुराडिय़ा स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड पर निगम गीले कचरे से रोज 50 टन खाद बना रहा है, जिसे किसानों को बेचा जा रहा है। लूज 2 रुपए और पैकिंग में 3 रुपए किलो के हिसाब से खाद बेची जा रही है। किसानों के साथ आम जनता भी यहां से खाद खरीद सकती है।
नंदलालपुरा का प्लांट बंद
निगम ने नंदलालपुरा सब्जी मंडी से निकलने वाले वेस्ट के निपटान के लिए कान्ह नदी किनारे और मंडी परिसर में ही प्लांट लगाया, लेकिन स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत रिवर फं्रट के चल रहे काम के कारण इसे बंद कर दिया गया।
कचरे से बन रही खाद को अभी किसानों को बेचा जा रहा है। सोसाइटी के माध्यम से गांव-गांव में इसे पहुंचाने के साथ शहर में जगह-जगह खाद बेचने के काउंटर खोलने की बड़े स्तर पर प्लानिंग की जा रही है। इस पर जल्द ही काम शुरू होगा।
आशीष सिंह, आयुक्त, नगर निगम

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