पहले मामले में सेंट्रल जीएसटी की टीम ने करोड़ों रुपए का आइटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। फर्जी फर्म और कंपनियों के जरिए इस गिरोह ने 700 करोड़ रुपए से अधिक का कारोबार सिर्फ कागजों में दिखाते हुए करीब 150 करोड़ रुपए की इनपुट टैक्स क्रेडिट हथिया ली।
टीम ने फर्जीवाड़े के दो मास्टरमाइंड को सूरत से पकड़ा है। साइबर सेल की टीम ने भी मास्टरमाइंड के लिए फर्जी पते पर फर्म का अकाउंट खोलने में मदद करने वाले तीन आरोपियों को पकड़कर 31 मई तक रिमांड पर लिया है।
इस दौरान सीजीएसटी आयुक्त इंदौर की टीम ने 25 मई को सूरत से आमिर पिता अल्ताफ हालानी और अरशान पिता रहीम मर्चेंट दोनों निवासी सूरत को पकड़ा। मप्र साइबर पुलिस के सहयोग से मिली खुफिया सूचना पर कार्रवाई की गई। वृहद स्तर पर चले तलाशी अभियान में 500 से ज्यादा फर्जी फर्म संचालित करने की पुष्टि हुई। टीम ने 300 से अधिक फर्म की सील, बिल बुक, लेटर हेड के साथ कई मोबाइल फोन, सिम कार्ड व अन्य दस्तावेज जब्त किए हैं। फर्जी कंपनियां रजिस्टर्ड कराने के लिए भी फर्जी पहचान पत्र और पतों का सहारा लिया गया था।
वहीं मामला सीहोर का है जहां जिस थाने का डीजीपी ने कुछ ही दिन पहले दौरा किया था, वहीं का प्रभारी रिश्वत लेते धराया गया। दरअसल डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना ने बुधवार देर रात सीहोर के जिस श्यामपुर थाने का औचक निरीक्षण किया था, उसी थाने का प्रभारी शुक्रवार रात 25 हजार घूस लेते पकड़ा गया। लोकायुक्त टीम ने थाना प्रभारी एसआइ अर्जुन जायसवाल व नगर सैनिक अजय मेवाड़े को रंगे हाथों पकड़ा।
सीहोर का भागीरथ जाटव वाहन की चोरी की शिकायत करने थाने पहुंचा था। थाना प्रभारी ने शिकायत दर्ज करने की बजाय उससे मारपीट की और थाने में बैठाए रखा। यहां एसआइ ने वाहन चोरी की रिपोर्ट लिखने के एवज में रिश्वत मांगी और फरियादी को झूठे केस में फंसाने की धमकी भी दी।
सीजीएसटी मामला : डिजिटल वॉलेट से किया लेन-देन
फर्जीवाड़ा छिपाने के लिए गिरोह बेहद शातिर तरीके से लेन-देन को अंजाम देता रहा। परंपरागत बैंकिंग की जगह वे मोबाइल के जरिए डिजिटल वॉलेट से लेन-देन करते थे।
रिटायर्ड अफसरों के दस्तावेज का दुरुपयोग
शहर के नागरिकों के दस्तावेज का प्रयोग कर जीएसटी के पोर्टल पर 6 जीएसटी फर्मों का रजिस्ट्रेशन करने की जानकारी विभाग ने साइबर सेल को दी थी। एसपी जितेंद्रसिंह के मुताबिक, सुलेमान करीम अली मेघानी (29), शमशुद्दीन अमीन बोधानी (33) और फिरोज खान (36) पिता उबेद खान सभी निवासी सूरत, गुजरात को धोखाधड़ी का केस दर्ज कर गिरफ्तार किया है।
आरोपी जीएसटी की गिरफ्त में आए मास्टरमाइंडों के लिए फर्जी फर्मों का रजिस्ट्रशन करते थे। इन्होंने कई रिटायर्ड अधिकारी व अन्य प्रतिष्ठित लोगों के दस्तावेज व पहचान पत्रों का इस्तेमाल कर अकाउंट खोले। पांच साल पहले दिवंगत हो चुके व्यक्ति के नाम भी फर्म बना ली थी। छह फर्मों के बताए पते पर टीम पहुंची तो वहां संबंधित कोई नहीं मिला।
Sehore Crime: सीहोर मामले में ऐसे धराए घूसखोर पुलिसकर्मी
पुलिस थाने में हुई अभद्रता के बाद जाटव ने एसआइ जायसवाल की शिकायत लोकायुक्त से की। ज्ञात हो कि डीजीपी ने पहले नरसिंहगढ़ थाना और इसके बाद श्यामपुर थाने का औचक निरीक्षण किया था। शिकायत और अव्यवस्था मिलने पर नरसिंहगढ़ थानेदार रविंद्र चावरिया को हटाया गया था।
वहीं शिकायत की तस्दीक के बाद लोकायुक्त टीम शुक्रवार शाम श्यामपुर थाना पहुंची। थाना प्रभारी अर्जुन जायसवाल मौके पर थे। फरियादी ने जायसवाल से मुलाकात की तो उसने रिश्वत की राशि थाने के पीछे स्थित बैरक में नगर सैनिक अजय मेवाड़ा के देने कहा। मेवाड़ा ने जाटव से राशि लेकर अपने पास रखी। कुछ देर बाद थाना प्रभारी जायसवाल भी पहुंचे और लोकायुक्त ने पकड़ लिया।