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उद्योगपति डॉ. रमेश बाहेती बोले, मुंबई के इस व्यापारी ने बचने के लिए मेरे नाम ट्रांसफर कर दी सुपारी

locationइंदौरPublished: Jul 13, 2019 10:10:50 pm

गैंगस्टर के नाम पर धमकी का मामला, डॉ. रमेश बाहेती बोले- जिसे फैक्टरी बेची उसने नहीं चुका अहमदाबाद के व्यापारी का बकाया तो बिल्डर देने लगा धमकी, बचने के लिए मेरी जानकारी दे दी, अग्रवाल पर कार्रवाई करें पुलिस

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उद्योगपति डॉ. रमेश बाहेती बोले, मुंबई के इस व्यापारी ने बचने के लिए मेरे नाम ट्रांसफर कर दी सुपारी



इंदौर। उद्योगपति डॉ. रमेश बी. बाहेती को वसूली के लिए धमकाने के मामले में नया मोड़ आ गया है। डॉ. बाहेती ने खुलासा किया है कि उन्होंने जिसे अपनी कंपनी बेची थी उसी प्रशांत अग्रवाल ने बदमाशों को उनके पीछे लगाया था, एक तरह से सुपारी मेरे नाम पर ट्रांसफर कर दी। डॉ. रमेश बाहेती ने ही इसका खुलासा किया है। घटना के बाद मुंबई में रहने वाले प्रशांत अग्रवाल ने ही उन्हें फोन कर अपनी हरकत को स्वीकार किया, अब डॉ. बाहेती भी अपने पुराने साथी पर कार्रवाई की पैरवी कर रहे है।
कनाडिया थाने में दर्ज वसूली व धमकी के मामले में पहली बार नामी उद्योगपति डॉ. रमेश बाहेती पहली बार सामने आए है। पत्रिका से चर्चा में डॉ. बाहेती ने बताया,किसी से करोड़ों का लेन देन विवाद उनका नहीं है, मुंबई के व्यापारी प्रशांत अग्रवाल ने गैंगस्टर को उनकी जानकारी देकर पीछे लगा दिया था। डॉ. बाहेती के मुताबिक, उन्होंने राऊ पीथमपुर रोड पर स्थित अपनी कंपनी एसटीआई को प्रशांत अग्रवाल निवासी मुंबई को बेचा था। कंपनी में अमरीकी कंपनी निवेश कर रही थी। बाद में प्रशांत अग्रवाल ने करीब 70 करोड़ अदा कर कंपनी को 2010 में टेक ओवर कर लिया था। अमरीका में पढ़ाई पूरी करने के बाद प्रशांत अग्रवाल ने गारमेंट्स का बिजनेस किया और देश में करीब 6-7 फैक्टरियां है। उन्होंने 70 करोड़ के एवज में उन्होंने करीब 80 करोड़ रुपए प्रशांत को दिलवाएं और अभी भी करीब 100 करोड़ की फैक्टरी मौजूद है। प्रशांत अग्रवाल से अच्छे संबंध थे जिसके कारण उसने मुझे ही अध्यक्ष के नाते कंपनी चलाने के लिए कहा। उसकी तारापुर स्थित कंपनी को भी मैं ही देखता था जिसके एवज में साल में मुझे करीब ढाई करोड़ का भुगतान किया जाता था।
पिछले कुछ समय से कंपनी की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी जिसके कारण देनदारियां बन रही थी। इस बीच मुझे दूसरे सामाजिक दायित्व संभालना थे इसलिए मैंने 31 मार्च 2018 को कंपनी से त्यागपत्र दे दिया। त्यागपत्र देने के बाद भी प्रशांत से लगातार संपर्क रहा, वह व्यवसाय को लेकर बातें करता रहता था। जून महीने में अचानक मुझे सेटलमेंट के लिए धमकी के मैसेज आने लगे। फोन कॉल भी आए। पहले मैंने ध्यान नहीं दिया, लगा को स्थानीय बदमाश मुंबई लिंक से इस तरह की हरकत कर रहा है। लेकिन जब भाई व बेटियों के घर तक पहुंचने की धमकी दी गई तो लगा कि मामला गंभीर है। एडीजी वरुण कपूर से मिलकर पूरी घटना उन्हें बताई। बदमाश ने धमकी के जो मैसेज भेजे थे वह पुलिस के सामने रखे तो जांच शुरू हुई और पुलिस ने सूरज सेन दुबे निवासी मुंबई को गिरफ्तार कर लिया। डॉ. बाहेती के मुताबिक, जब आरोपी को पकड़ा तो उन्हें कुछ भी इल्म नहीं था कि वह ऐसा क्यों कर रहा है।
डॉ. बाहेती के मुताबिक, वे कारण समझने के प्रयास में थे कि इस बीच प्रशांत अग्रवाल ने 12 जुलाई और फिर 13 जुलाई को मुंबई से फोन किया तो सारी बातें साफ हो गई। प्रशांत अग्रवाल ने खुद फोन कर स्वीकार लिया कि इस सबके पीछे उसका हाथ है। डॉ. बाहेती के मुताबिक, प्रशांत अग्रवाल ने उन्हें फोन पर बताया कि अहमदाबाद के व्यापारी जगदीश पटेल से उसका लेन-देन है। वर्ष 2004-05 से व्यवसाय चल रहा है और तब से ही राशि बकाया है। व्यापार ठीक नहीं होने से वह राशि अदा नहीं कर पा रहा है। जगदीश पटेल ने इस पर मुंबई के बिल्डर चिराग जोशी को वसूली का काम सौंप दिया।
नो कमेंट्स: अग्रवाल
प्रशांत अग्रवाल से संपर्क करने पर उन्होंने डॉ. बाहेती के आरोपों पर नो कमेंट्स कहा, उन्हें मामलेे में कुछ नहीं कहना था।
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