प्रधानमंत्री पथ विक्रेता आत्मनिर्भर (स्वनिधि) योजना में लोगों को लाभ देने का काम निगम का शहरी गरीब उपशमन विभाग करता है, ताकि पात्र हितग्राहियों को अपना रोजगार शुरू करने लिए 10 हजार रुपए की राशि मिल सके। इसके लिए निगम के अफसर बाजारों, सब्जी मंडी, हाट बाजार, मुख्य मार्गों आदि जगहों पर पथ विक्रेताओं को लोन दिलाने के लिए उनके पास पहुंचते हैं। साथ ही पात्रता रखने के साथ जो लोग ऋण लेने के इच्छुक होते हैं, उनका आवेदन हाथोहाथ लेकर ऑनलाइन पंजीयन किया जाता है। निगम अफसरों ने स्वनिधि योजना के अंतर्गत शहर के 1 लाख 50 हजार लोगों का पंजीयन किया है। इसमें से अभी 31 मार्च 2021 तक 54 हजार लोगों को खुद का व्यवसाय करने के लिए 10 हजार रुपए लोन दिया गया है। 22 हजार लोगों ने लोन चुका दिया है। इनको अब 20 हजार का लोन दिया जा रहा है। इनमें से अभी तक नौ हजार लोगों को लोन मिल गया और 11 हजार लोगों के प्रकरण बैंक में अटके हैं। इन लोन प्रकरणों को 15 जुलाई तक अनिवार्य रूप से निपटाने का टारगेट बैंकों को दिया गया है, ताकि लोगों को अपना काम-धंधा करने के लिए समय से पैसा मिल जाए। निगमायुक्त ने बैंक अफसरों को निर्देश दिए हैं कि किसी भी हितग्राही के सिविल, आईडी प्रूफ व अन्य किसी कारण से प्रकरण को लंबित न करें। साथ ही एसएचजी स्व सहायता समूह को दिए जाने वाले लोन के स्वीकृत प्रकरण का भी समय पर निराकरण करें।
किस्त चुकाने की दे रहे सलाह
इधर, निगम अफसर हितग्राहियों की पूर्ण सहायता करने के साथ मार्गदर्शन दे रहे हैं। साथ ही उन्हें समय पर लोन की किस्त चुकाने की सलाह और उससे होने वाले लाभ के बारे में भी बता रहे हैं। पथ विक्रेताओं द्वारा ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने पर उसे मिलने वाले लाभ और कैशबैक की जानकारी भी दी जा रही है, ताकि हितग्राही डिजिटल और ऑनलाइन पेमेंट की प्रकिया को अपना सकें।
इन बैंक में अटके प्रकरण
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, सेंट्रल बैंक, यूको बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एयू स्माल फायनेंस व अन्य बैंकों में लोन संबंधित प्रकरण अटके हैं। इसको लेकर इन बैंक के प्रतिनिधियों की बैठक दो दिन पहले निगमायुक्त ने ली थी। साथ ही तय समय में लोन प्रकरण का निपटान करने को लेकर दिशा-निर्देश दिए गए।
परेशान होते हैं लोग
छोटा व्यवसाय करने के लिए हितग्राही लोन के लिए निगम में आवेदन करता है। जब प्रकरण बैंक में जाते हैं, तो उन्हें बैंक में तकनीकी कारण बताकर लोन राशि स्वीकृति नहीं की जाती। बैंक में जब पात्र हितग्राही जाता है, तब बैंक मैनेजर व अन्य प्रतिनिधि को उक्त योजना से संबंधित जानकारी नहीं होने से हितग्राही को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
अब दिया जाएगा 20-20 हजार का लोन
स्वनिधि योजना के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों के दस्तावेजों की जांच और लोन प्रकरण की स्वीकृति उपरांत संबंधित बैंकों को भेजा गया है। बैंक में लोन राशि स्वीकृति के दौरान आने वाली छोटी-छोटी समस्याओं के संबध में निगमायुक्त ने बैठक ली थी। इसमें जिन लोगों ने 10 हजार रुपए का लोन चुका दिया, उन्हें 20 हजार रुपए का लोन दिलाने के आदेश दिए गए हैं, टारगेट 15 हजार लोगों को यह राशि दिलाने का है। अभी 11 हजार लोगों के प्रकरण बैंक में अटके पड़े हैं, जिन्हें 15 जुलाई के पहले-पहले बैंक से निपटान कराकर लोगों को लोन की राशि दिलाई जाएगी।
-अभय राजनगांवकर, अपर आयुक्त शहरी गरीब उपशमन विभाग
स्वनिधि योजना के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों के दस्तावेजों की जांच और लोन प्रकरण की स्वीकृति उपरांत संबंधित बैंकों को भेजा गया है। बैंक में लोन राशि स्वीकृति के दौरान आने वाली छोटी-छोटी समस्याओं के संबध में निगमायुक्त ने बैठक ली थी। इसमें जिन लोगों ने 10 हजार रुपए का लोन चुका दिया, उन्हें 20 हजार रुपए का लोन दिलाने के आदेश दिए गए हैं, टारगेट 15 हजार लोगों को यह राशि दिलाने का है। अभी 11 हजार लोगों के प्रकरण बैंक में अटके पड़े हैं, जिन्हें 15 जुलाई के पहले-पहले बैंक से निपटान कराकर लोगों को लोन की राशि दिलाई जाएगी।
-अभय राजनगांवकर, अपर आयुक्त शहरी गरीब उपशमन विभाग