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मध्यप्रदेश के सिर्फ 11 जिलों में मिल रहा ‘खरा’ खोना

locationइंदौरPublished: Jan 23, 2022 11:27:12 am

– सोने पर ‘अधूरा’ हॉलमार्क : हॉलमार्क सेंटर की कमी के चलते सभी जिलों में अनिवार्य नहीं हो सकी केंद्र सरकार की योजना
– इंदौर में करीब 1500 ज्वेलर्स में से 406 ने लिया भारतीय मानक ब्यूरो का लाइसेंस
 

मध्यप्रदेश के सिर्फ 11 जिलों में मिल रहा 'खरा' खोना

मध्यप्रदेश के सिर्फ 11 जिलों में मिल रहा ‘खरा’ खोना

विकास मिश्रा, इंदौर

सोने की शुद्धता और इसके कारोबार की विश्वसनीयता मजबूत करने की व्यवस्था करीब सात माह बाद भी प्रदेश में साकार नहीं हो सकी है। इसके पीछे हॉलमार्किंग सेंटरों का अभाव कारण है। केंद्र ने एक जुलाई 2021 से पूरे देश में स्वर्ण आभूषणों के लिए हॉलमार्क अनिवार्य किया था। प्रदेश के सिर्फ 11 जिलों में हॉलमार्क के स्वर्ण आभूषण मिल रहे हैं, बाकी 44 जिलों में हॉलमार्किंग सेंटर ही नहीं हैं। हालांकि ऐसा नहीं है कि इन 44 जिलों में बिक रहे सोने के आभूषण शुद्ध सोने के नहीं हैं, बस उन पर सरकार की ‘विश्वसनीयता’ की सील नहीं है। कारोबारियों को उम्मीद है कि 6 महीने में अधिकांश जिलों में हॉलमार्किंग सेंटर शुरू हो जाएंगे। प्रदेश में 23 हॉलमार्किंग सेंटर हैं, जहां सोने की शुद्धता परखकर उसके खरा होने की सील लगाई जा रही है।
इंदौर में 1500 दुकान, 406 लाइसेंस, 4 सेंटर

इंदौर में सोने-चांदी का कारोबार करने वाले बड़े-छोटे करीब 1500 ज्वेलर्स हैं। श्रीराम हॉलमार्किंग सेंटर के प्रमुख संजय मांडोत के मुताबिक, शहर में 406 ज्वेलर्स ने ही भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) का लाइसेंस लिया है। यहां चार हॉलमार्किंग सेंटर हैं, जिनसे हर दिन करीब 2000 स्वर्ण आभूषणों पर हॉलमार्किंग की जा रही है। प्रदेश में लाइसेंस लेने वालों की संख्या 3085 है।
इन जिलों में हैं हॉलमार्किंग सेंटर

ज्वेलर्स डेवलपमेंट वेलफेयर एसोसिएशन मप्र के सचिव संतोष सराफ ने बताया, मप्र में इंदौर, भोपाल, रतलाम, जबलपुर, ग्वालियर, सतना, देवास, रीवा, मुरैना, उज्जैन आदि जगह 23 हॉलमार्किंग सेंटर हैं। इनके आसपास के जिले भी लाइसेंस लेकर आभूषणों पर हॉलमार्क लगवा सकते हैं। बालाघाट सहित कुछ जिलों में सेंटर खोलने की तैयारी है। जहां हॉलमार्र्किंग सेंटर हैं, वहां किसी को भी बिना हॉलमार्क के आभूषण बेचने की अनुमति नहीं है। ऐसा करने वालों पर सख्त कार्रवाई के नियम हैं।
एक आभूषण पर 41.30 रुपए का खर्च

इंदौर सराफा एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष बसंत सोनी ने बताया, हॉलमार्किंग सेंटर शुरू करने में करीब एक करोड़ रुपए का खर्च आता है। एक आभूषण पर हॉलमार्क लगवाने पर ज्वेलर्स को जीएसटी सहित 41 रुपए 30 पैसे का खर्च आता है। आभूषण एक ग्राम का हो या एक किलो का, हॉलमार्क शुल्क इतना ही लगता है। सराफा व्यवसायी पुरुषोत्तम शर्मा ने बताया, देश में 726 में से 256 जिलों में ही हॉलमार्क की व्यवस्था अनिवार्य हो सकी है।
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