इंदौर में 1500 दुकान, 406 लाइसेंस, 4 सेंटर इंदौर में सोने-चांदी का कारोबार करने वाले बड़े-छोटे करीब 1500 ज्वेलर्स हैं। श्रीराम हॉलमार्किंग सेंटर के प्रमुख संजय मांडोत के मुताबिक, शहर में 406 ज्वेलर्स ने ही भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) का लाइसेंस लिया है। यहां चार हॉलमार्किंग सेंटर हैं, जिनसे हर दिन करीब 2000 स्वर्ण आभूषणों पर हॉलमार्किंग की जा रही है। प्रदेश में लाइसेंस लेने वालों की संख्या 3085 है।
इन जिलों में हैं हॉलमार्किंग सेंटर ज्वेलर्स डेवलपमेंट वेलफेयर एसोसिएशन मप्र के सचिव संतोष सराफ ने बताया, मप्र में इंदौर, भोपाल, रतलाम, जबलपुर, ग्वालियर, सतना, देवास, रीवा, मुरैना, उज्जैन आदि जगह 23 हॉलमार्किंग सेंटर हैं। इनके आसपास के जिले भी लाइसेंस लेकर आभूषणों पर हॉलमार्क लगवा सकते हैं। बालाघाट सहित कुछ जिलों में सेंटर खोलने की तैयारी है। जहां हॉलमार्र्किंग सेंटर हैं, वहां किसी को भी बिना हॉलमार्क के आभूषण बेचने की अनुमति नहीं है। ऐसा करने वालों पर सख्त कार्रवाई के नियम हैं।
एक आभूषण पर 41.30 रुपए का खर्च इंदौर सराफा एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष बसंत सोनी ने बताया, हॉलमार्किंग सेंटर शुरू करने में करीब एक करोड़ रुपए का खर्च आता है। एक आभूषण पर हॉलमार्क लगवाने पर ज्वेलर्स को जीएसटी सहित 41 रुपए 30 पैसे का खर्च आता है। आभूषण एक ग्राम का हो या एक किलो का, हॉलमार्क शुल्क इतना ही लगता है। सराफा व्यवसायी पुरुषोत्तम शर्मा ने बताया, देश में 726 में से 256 जिलों में ही हॉलमार्क की व्यवस्था अनिवार्य हो सकी है।