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6 करोड़ में भी नहीं मिली यूनिफॉर्म

locationइंदौरPublished: Sep 21, 2018 11:03:23 am

Submitted by:

Sanjay Rajak

राज्य शिक्षा केंद्र ने ड्रेस के लिए करोड़ों रुपए किए थे खर्च

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6 करोड़ में भी नहीं मिली यूनिफॉर्म

इंदौर. न्यूज टुडे.
शिक्षा विभाग ने इसी शिक्षा सत्र से निजी स्कूलों की तर्ज पर सरकारी विद्यार्थियों के लिए पेंट-शर्ट, टाई और सलवार सूट के साथ जैकेट का ड्रेस कोड तैयार किया था। इंदौर जिले में ड्रेस के लिए राज्य शिक्षा केंद्र ने 6 करोड़ रुपए खर्च किए। 15 अगस्त को सभी विद्यार्थियों को नए ड्रेस कोड में स्कूल आना था, लेकिन शहर के 80 फीसदी सरकारी स्कूलों में यह ड्रेस कोड लागू नहीं हो पाया। हाल यह है कि कुछ विद्यार्थी पुरानी ड्रेस में आ रहे हैं तो कुछ घर के कपड़ों में ही स्कूल पहुंच रहे हंै। इस मामले में डीइओ द्वारा कार्रवाई की जा रही है न डीपीसी द्वारा।
कई वर्षों से स्कूलों में नए ड्रेसकोड के लिए तैयार चल रही थी, जो किसी न किसी कारण से आगे बढ़ जाती थी। इस बार अपै्रल में सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान और राज्य योजना के तहत नया ड्रेसकोड लागू कर दिया है। इसके लिए इंदौर में नामांकन आधार पर 95 विद्यार्थियों के लिए शाला प्रबंध समिति के बैंक खातों में 6 करोड़ 27 लाख 49 हजार 200 रुपए जमा भी कर दिए गए। इसमें 1093 प्राथमिक स्कूलों के 62429 और 577 माध्यमिक स्कूलों के 42153 कुल 104582 विद्यार्थी शामिल हंै। पूरे प्रदेश में ड्रेस के लिए 155 करोड़ 91 लाख 42 हजार रुपए की राशि जारी की गई।
यह है स्थिति

महावर नगर के प्राथमिक स्कूल में आधे से ज्यादा बच्चों के पास ड्रेस ही नहीं है, बाकी पुरानी ड्रेस पहनकर आ रहे हैं। उर्दू माध्यमिक स्कूल हाथीपाला और माध्यमिक स्कूल बक्षीबाग, मावि अहिल्या पल्टन आदि स्कूलों में भी यही स्थिति है। खास बात यह है अफसर भी इन स्कूलों का निरीक्षण कर रहे है, लेकिन डे्रस को लेकर कोई कार्रवाई नहीं करते है।
जुलाई तक जारी करनी थी राशि

गणवेश वितरण के लिए निर्देश जारी किए जा चुके थे। 25 जुलाई तक विद्यार्थियों के बैंक अकाउंट अपडेट करने और 30 जुलाई तक गणेवश की राशि खातों में डालना थी। हर विद्यार्थी को दो जोड़ गणवेश के लिए 600 रुपए दिए जाने थे।
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