इंदौर. रैली, जुलूस और धार्मिक आयोजनों को लेकर प्रशासन ने गाइड लाइन बनाने के लिए विभिन्न समाज, संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को बुलाकर सुझाव मांगे थे।
जिन समाजों ने सुझाव व शहर हित में गाइड लाइन का पालन करने को मंजूरी दी थी, उन्होंने ही उसका पालन नहीं किया। रैली व जुलूस निकालते वक्त वे भूल गए कि जनता को कितनी परेशानी होगी। सिर्फ सिख समाज ने आयोजन छुट्टी वाले दिन रखने की पहल की है।
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आम जनता की परेशानी समझीप्रशासन द्वारा बनाई गई गाइड लाइन का पालन करते हुए हमने अपने जुलूस को अवकाश के दिन रविवार को ही रखने का निर्णय किया है। पूरी तरह से गाइड लाइन का पालन किया जा रहा है। शहर और यहां की जनता हमारी ही है।
मंजीत सिंह भाटिया, अध्यक्ष, श्री गुरु सिंघ सभाजनता के लिए नियम, खुद के लिए नहींअग्रवाल समाज गाइड लाइन का पालन कर रहा है। प्रशासन खुद की गलती दूसरों पर डाल रहा है, जो गाइड लाइन बनाई, उसका पालन कितना करवाया गया। केवल जनता के लिए नियम बनते हैंं।
किशोर गोयल, पूर्व अध्यक्ष, अग्रवाल समाज केंद्रीय समितिप्रशासन अपनी जिम्मेदारी समझेगाइड लाइन का पालन करते हैं। सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी पूरी जिम्मेदारी संभालते हैं। 20 सालों में किसी को भी परेशानी नहीं हुई है। कोई भी जुलूस निकले प्रशासन व आयोजक को अपनी जिम्मेदारी समझना चाहिए।
ओंकार यादव, अध्यक्ष, यादव अहीर समाज केंद्रीय समितिकितनी गाइड लाइन बने, कोई लाभ नहींसबसे पहले रैली निकालने वाले आयोजकों को जिम्मेदारी समझनी होगी। पर्याप्त संख्या में कार्यकर्ता हों। हम शत-प्रतिशत गाइड लाइन का पालन करते हैं। पुलिस व प्रशासन को भी गाइड लाइन का पालन कराना चाहिए।
दयाल ठाकुर, संरक्षक, चेटीचंड उत्सव समितिसिख समाज से सीख लेंजिस तरह से सिख समाज द्वारा अवकाश के दिन जुलूस निकाला जाता है। उसी तरह हर समाज को पहल करना चाहिए। राजनीतिक रैली व जुलूस में प्रशासन मौन रहता है, वहीं पर गाइड लाइन का पालन नहीं हो पाता है। यदि सभी मिलकर गाइड लाइन का पालन निश्चित करेंगे तो ही कोई हल निकल सकता है।
अनूप शुक्ला, सचिव, अखिल भारती ब्राह्मण संगठन