भारत सरकार की एपीडा स्कीम कृषि आधारित उद्योगों के लिए लाई गई है। इसमें उद्यमी अलग-अलग घटकों पर 25 से 50 फीसदी तक की सब्सिडी हासिल कर सकते हैं। ये फसल कटाई के बाद लगने वाले उद्योगों पर 35 फीसदी तक सब्सिडी क्लेम की जा सकती है। इसके अतिरिक्त 2 करोड़ तक के बैंक टर्म लोन ब्याज पर 3 फीसदी सब्सिडी भारत सरकार देती है।
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यह जानकारी वरिष्ठ सीए अरुण जैन ने दी। वे शुक्रवार को टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन इंदौर व इंदौर सीए शाखा द्वारा गवर्नमेंट सब्सिडी स्कीम्स विषय पर आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी के बारे में जानकारी देते हुए बताया, पेट्रोल के विकल्प के रूप में एथेनॉल की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के निर्माण पर लिए टर्म लोन पर केंद्र सरकार द्वारा 6 फीसदी ब्याज व राज्य सरकार द्वारा उद्योग पर लगने वाले खर्चों पर 10 से 40 फीसदी की कैपिटल सब्सिडी प्राप्त की जा सकती है।
एथेनॉल का उत्पादन बढ़ाने का मुख्य उद्देश्य पेट्रोलियम पदार्थों पर विदेशी निर्भरता कम करना, विदेशी मुद्रा बचाना तथा पर्यावरण संरक्षण करना है। जैन ने बताया, सरकार ने एससी, एसटी और महिलाओं के लिए विशेष सब्सिडी योजनाएं बनाई हैं। प्राइम मिनिस्टर एम्प्लॉयमेंट जेनरेशन प्रोग्राम में महिलाओं और एससी, एसटी के लिए 10 फीसदी अतिरिक्त सब्सिडी है। भंडारण गोडाउन, कृषि उत्पादों की सफाई छटाई श्रेणीकरण, शीत गृह, शीत चैन आदि के संबंध में नाबार्ड की सब्सिडी योजनाओं में 35 फीसदी तक सब्सिडी ली जा सकती है।