अगस्त-सितंबर में गणेशोत्सव और नवदुर्गा की धूम रहेगी। समूह का कहना है, लोग मूर्तियां स्थापित करने के साथ विसर्जन के विकल्प भी सोचें, ताकि पानी के स्रोत प्रदूषित न हों। गणेशोत्सव के समय शहर में 1 हजार से अधिक पंडाल और 2 लाख से ज्यादा घरों-ऑफिसों में भगवान गणेश की स्थापना होती है।
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घेर कर कढ़ाव में पांच डुबकी लगवाने के बाद डालते थे रंग, इसी से नाम मिला गेर तालाब संरक्षण समिति व अन्य संगठन के सदस्यों ने कलेक्टर लोकेश जाटव से मुलाकात कर इन मूर्तियों की बिक्री और निर्माण पर अंकुश लगाने का आग्रह किया है। समिति की ओर से बलराम वर्मा, डॉ. गुणवंत जोशी, डॉ. सुधींद्र मोहन शर्मा, नेताजी मोहिते, हेमल कामत, संजीव राजवाड़े एवं मेघा बर्वे ने माटी की मूर्ति के लिए अभियान चलाने का आग्रह भी किया। कलेक्टर ने आश्वस्त किया कि कलाकारों को कहा जा रहा है माटी की ही मूर्तियां बनाएं।
मूर्ति बनाना सिखाएंगे और घर के लिए देंगे 1. स्कूलों में मूर्ति निर्माण का प्रशिक्षण देंगे। इस दौरान बनाई मूर्ति बच्चे घर ले जा सकेंगे।
2. पंडाल व रहवासी संघों से आग्रह करेंगे, मिट्टी की मूर्ति स्थापित करें और बगीचों में विसर्जित करें।
3. मूर्ति बनाने वालों से भी माटी के उपयोग का आग्रह कर रहे हैं।
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लोकायुक्त ट्रैप : तीन लाख की रिश्वत लेते धराया कार्यपालन यंत्री, रोते – रोते हुआ बेहोश, बोला – आत्महत्या कर लूंगा इंदौर ही नहीं पूरे संभाग में करेंगे प्रयोगसंभागायुक्त आकाश त्रिपाठी का कहना है, पानी को प्रदूषित होने से बचाना हमारा कत्र्तव्य है। इस बार पूरे संभाग के कलेक्टर्स को निर्देशित किया जा रहा है कि प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों की बिक्री व विसर्जन पर निगरानी रखें और लोगों व कलाकारों को जागरूक कर इनके निर्माण में कमी लाएं।