इंदौर में २३ मार्च से शुरू हुए वैक्सीनेशन के लिए पूरे जिले में १८५ से अधिक केंद्र बनाए गए। ये केंद्र स्कूलों में ही बने हैं। स्वास्थ्य विभाग ने शिक्षा विभाग की मदद से १२ से १४ वर्ष की उम्र वाले बच्चों के लिए अभियान शुरू किया। हालांकि पहले दिन ही अपेक्षाकृत सफलता नहीं मिली। करीब १५ हजार बच्चों ही सेंटरों तक पहुंचे। इसके बाद से पूरे सप्ताह यह आंकड़ा पार नहीं हो पाया है। जबकि १.१५ लाख बच्चे इस उम्र के हैं, जिन्हें वैक्सीन लगाई जाना है, लेकिन अभी तक केवल ३८,२५४ बच्चों को ही डोज लग पाया है।
परीक्षा की वजह से धीमा
इधर, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल परीक्षा भी चल रही है। इसी वजह से केंद्रों पर बच्चों की संख्या कम है। वहीं कुछ बच्चे शहर से बाहर भी हैं, लेकिन अधिकारियों को पूरा भरोसा है कि शत-प्रतिशत बच्चों को जल्द ही वैक्सीन लगा दी जाएगी।
इधर, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल परीक्षा भी चल रही है। इसी वजह से केंद्रों पर बच्चों की संख्या कम है। वहीं कुछ बच्चे शहर से बाहर भी हैं, लेकिन अधिकारियों को पूरा भरोसा है कि शत-प्रतिशत बच्चों को जल्द ही वैक्सीन लगा दी जाएगी।
सेंटरों की संख्या घटाई
इधर, स्वास्थ्य विभाग ने अब सेंटरों की संख्या में भी कमी कर दी है। कोविन डेशबोर्ड के अनुसार अब जहां पहले १८० से अधिक सेंटरों पर वैक्सीन लगाई जा रही थी वहीं घटाकर अब १६१ कर दिए गए हैं। जिनमें ५ निजी सेंटर भी शामिल हैं।
इधर, स्वास्थ्य विभाग ने अब सेंटरों की संख्या में भी कमी कर दी है। कोविन डेशबोर्ड के अनुसार अब जहां पहले १८० से अधिक सेंटरों पर वैक्सीन लगाई जा रही थी वहीं घटाकर अब १६१ कर दिए गए हैं। जिनमें ५ निजी सेंटर भी शामिल हैं।