scriptशहर कांग्रेस में 5 कार्यकारी अध्यक्ष बनाने के पहले ही उठने लगे विरोध के स्वर | Voices of protest arose to make 5 acting presidents in city congress | Patrika News

शहर कांग्रेस में 5 कार्यकारी अध्यक्ष बनाने के पहले ही उठने लगे विरोध के स्वर

locationइंदौरPublished: Jul 01, 2020 10:35:06 am

Submitted by:

Uttam Rathore

नेताओं के बजाय आम कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की मांग

शहर कांग्रेस में 5 कार्यकारी अध्यक्ष बनाने के पहले ही उठने लगे विरोध के स्वर

शहर कांग्रेस में 5 कार्यकारी अध्यक्ष बनाने के पहले ही उठने लगे विरोध के स्वर

इंदौर. शहर कांग्रेस कमेटी में पहले दो कार्यकारी अध्यक्ष बनाने की कवायद चल रही थी, लेकिन अब विधानसभावार 5 कार्यकारी अध्यक्ष बनाने पर विचार किया जा रहा है। इसको लेकर अभी फैसला हुआ नहीं और विरोध के स्वर उठने लगे हैं। कार्यकारी अध्यक्ष पद पर नेताओं के बजाय आम कार्यकर्ताओं को नियुक्त करने की मांग की जा रही है।
सांवेर विधानसभा उपचुनाव को लेकर पिछले दिनों रखी गई बैठक में शहर अध्यक्ष विनय बाकलीवाल और कांग्रेस नेता चिंटू चौकसे में जमकर द्वंद हुआ। इसकी वजह शहर कांग्रेस कमेटी में कार्यकारी अध्यक्ष बनने के लिए आतुर चौकसे के रास्ते का पत्थर बाकलीवाल बने और अपने राजनीतिक आका व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ के जरिए नियुक्ति को रुकवा दिया। ऐसे में चिंटू के साथ-साथ विधायक सज्जन सिंह वर्मा के भतीजे अभय वर्मा की गाड़ी में भी ब्रेक लग गया, क्योंकि कार्यकारी अध्यक्ष बनने की चेयर रेस में अभय भी शामिल हैं। शहर कांग्रेस में दो कार्यकारी अध्यक्ष बनाने की चल रही कवायद पूरी हुई नहीं कि अब विधानसभावार 5 कार्यकारी अध्यक्ष बनाने की सुगबुगाहट शुरू हो गई। इसको लेकर विरोध के स्वर भी उठने लगे हैं, क्योंकि अपनी-अपनी विधानसभा में पार्टी के लिए मेहनत करने वाले आम कार्यकर्ताओं की जगह नेताओं को नियुक्त करना है।
उठाए सवाल

कांग्रेसी चौपाल पर चर्चा है कि हर विधनसभा से एक कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जाएगा और बड़े नेताओ ने अपने-अपने समर्थकों के नाम भी प्रदेश कांग्रेस कमेटी को दे दिए, लेकिन कांग्रेस संगठन में बैठे नेताओं का कहना है कि अभी 5 कार्यकारी अध्यक्ष बनाने पर विचार चल रहा, फैसला हुआ नहीं। विधानसभावार कार्यकारी अध्यक्ष बनाने का फैसला होने से पहले विरोध का बिगुल शहर कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष हिमांशु यादव ने बजाया है। इसके साथ ही शहरी क्षेत्र की पांच विधानसभाओं में से तीन में कार्यकारी अध्यक्ष पार्टी के आम कार्यकर्ताओं को बनाने की मांग उठाई है। राऊ विधनसभा में कुछ हिस्सा शहर का भी आता है। यहां से बिना किसी नेता की सिफारिश के योग्यता के आधार पर आम कार्यकर्ता को अध्यक्ष बनाने की मांग की गई है। इसके साथ ही उन्होंने पार्टी के बड़े नेताओं से सवाल किया है कि क्या कांग्रेस का कार्यकर्ता किसी चुनाव सामग्री की तरह है? क्यों चुनाव में ही कार्यकर्ता की कमी महसूस होती है? पद देने के दौरान क्यों कार्यकर्ताओं को भूला दिया जाता और नेताओं को पैराशूट नियुक्ति की जाती है?

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