पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करने के साथ ही उनके खिलाफ प्रकरण भी दर्ज कर लिया है। जानकारी के अनुसार डॉ. जीपी सिंह सागर को पीएमटी 2013 में सीबीआई ने रैकेटियर के रूप में आरोपी बनाया था। भिंड के गोहद निवासी डॉ. सागर ने 1991 पीएमटी से ग्वालियर मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लिया और 2000 में यानी नौ साल में एमबीबीएस किया था। फिर 2004 में इंदौर के एमजीएम में पीजी के लिए प्रवेश लिया, जो चार साल बाद 2008 में पूरा हुआ। व्यापमं घोटाले में इंदौर पुलिस द्वारा प्रकरण दर्ज करने के बाद सागर को क्राइम ब्रांच ने 15 जुलाई 2013 को गिरफ्तार किया था और उनके खिलाफ एसटीएफ ने चार अक्टूबर 2013 में चालान पेश किया था। उसने व्यापम ही नहीं मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग से राज्य सेवा का अफसर बनवाने के लिये भी कई सौदे किए थे। जिसमें 6 पदों के लिए 95 लाख रुपए का सौदा भी एक था।
फैक्ट्री से 450 किलो नकली घी और 50 किलो पनीर जब्त
लसूडिय़ा थाना क्षेत्र में स्थित एक फैक्ट्री में बड़े स्तर पर नकली घी बनाने की सूचना पर शुक्रवार रात पुलिस और खाद्य विभाग ने छापा मार कार्रवाई की। जांच कर रही टीम को बड़ी मात्रा में अमानक घी मिला है, जिसे फैक्ट्री संचालक मशीन से तैयार करवा रहा था।
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टीआइ इंद्रमणि पटेल ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली थी कि लसूडिय़ा मोरी में नकली घी की फैक्ट्री का संचालन हो रहा है। मौके पर पहुंची पुलिस और खाद्य विभाग की टीम को जांच में पता चला कि बिल्डिंग में अमूर मिल्क क्लब प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का संचालन रुपेश सोलंकी निवासी शाहपुर बैतूल कर रहा है। जांच में टीम को अमानक स्तर का 450 किलो घी, 50 किलो पनीर के साथ ही लाखों रुपए कीमत की पैकिंग मशीन जब्त की है। जांच में पता चला कि प्रतिमाह आरोपी 10 लाख से ज्यादा कीमत का कच्चा माल मंगवाकर कंपनी में नकली घी और पनीर बना रहा था। खाद्य विभाग की टीम ने सैंपल लिए हैं। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करेंगे।