इस साल मानसून के रास्ता भटककते से पूर्वी और दक्षिण-पश्चिम मध्य प्रदेश में बारिश की स्थिति सामान्य से कम रहीं। कई क्षेत्रों में खंड वर्षा होने से सहायक नदियों में पा नहीं आया, जिससे मुख्य नदियों में पानी का बहाव भी प्रभावित हुआ। प्रदेश में अल्पवर्षा का खासा असर नर्मदा नदी पर हुआ है। नदी पर बने बांधों में भी पानी पूरा नहीं भर सका है।
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ऐसे बनी स्थिति
सामान्य तौर पर नर्मदा के प्रवाह और उद्गम क्षेत्र में अच्छी होती है। यहीं से पश्चिम के हिस्से में पानी की आपूर्ति होती है। इनमें अनूपपुर, मंडला, जबलपुर, नरसिंहपुर, होशंगाबाद की अहम भूमिका है। इस बार इन जिलों में कम या अल्पवर्षा होने से नदी में पानी की मात्रा प्रभावित हुई है। बहाव क्षेत्र में ही 10-10 मीटर तक कम पानी है।
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इन जिलों से गुजर रही नर्मदा
अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला, जबलपुर, नरसिंहपुर. होशंगाबाद, हरदा, खंडवा, खरगोन व बड़वानी। इनमें से तीन जिले अनूपपुर, डिंडौरी व खंडवा ही ग्रीन जोन में हैं। शेष रेड जोन में हैं। ग्रीन जोन करा आशय भी सामान्य से 10 प्रतिशत तक कम बारिश होना है।
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मध्य प्रदेश की ओर बढ़ रहा मानसून
मौसम विभाग ने प्रदेश के 22 जिलों में भारी वर्षा की आशंका जताई है। मानसून सीजन का पहला डीप डिप्रेशन उत्तरी ओडिशा में है और छत्तीसगढ़ की सीमा कीओर बढ़ रहा है इसके मंगलवार तक छत्तीसगढ़ पार करके मध्य प्रदेश की सीमा में पहुंचने का अनुमान है। इसके असर से प्रदेश कई हिस्सों में भारी बारिश होने का अनुमान है। मौसम विमाग ने प्रदेश के 22 जिलों में कहीं-कहीं भारी वर्षा का अनुमान व्यक्त किया है।