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प्रकृति में बड़ी हलचल : अगस्त में कोहरा देख चौंका मौसम विभाग, कहा- यह तो मॉनसून की बिदाई के संकेत हैं!

locationइंदौरPublished: Aug 11, 2020 11:25:36 am

दो दिन 1000 मीटर से कम रही दृश्यता, 1 अगस्त को 800 मीटर मापी गई, 4 अगस्त को 600 मीटर रही
अगस्त के शुरुआती 10 दिन में बादल तो छाए, लेकिन बरसने में कंजूसी की

प्रकृति में बड़ी हलचल : अगस्त में कोहरा देख चौंका मौसम विभाग, कहा- यह तो मॉनसून की बिदाई के संकेत हैं!

प्रकृति में बड़ी हलचल : अगस्त में कोहरा देख चौंका मौसम विभाग, कहा- यह तो मॉनसून की बिदाई के संकेत हैं!

इंदौर. मौसम में जिस तरह के बदलाव सामने आ रहे हैं, उन्हें देखकर लग रहा है, प्रकृति में कोई बड़ी हलचल हो रही है। कोरोना संक्रमण वैसे ही पूरे विश्व को संकट में डाल चुका है। आमतौर पर अगस्त में बारिश अपने चरम पर रहती है। कहा भी जाता है कि भादौ में झड़ी लगती है। परंतु मौसम विभाग को इस समय मानसून की बिदाई के संकेत मिल रहे हैं। चौंकाने वाली बात है कि अगस्त के 10 दिन में दो दिन धूंध (कोहरा) दर्ज किया गया। जानकारों का कहना है, अगस्त में एेसा कभी नहीं हुआ।
मानसून की शुरुआत के बाद जुलाई व अगस्त (सावन-भादौ) ये ही दो माह होते हैं, जब शहर में होने वाली औसत ३४ इंच बारिश में से 23 इंच वर्षा होती है। हालांकि इस बार सावन सूखा बीत गया, भादौ में भी अब तक झड़ी का नजारा नहीं बन सका। जुलाई के अंतिम सप्ताह में तापमान अधिक रहा और बारिश भी नहीं हुई। आखिरी दिन पानी बरसा था, लेकिन १ अगस्त को सुबह कोहरे सी स्थिति देखी गई।
मौसम केंद्र के सहायक वैज्ञानिक का कहना है, आमतौर पर इन दिनों में दृश्यता 2000 से 3000 मीटर या इससे भी अधिक होती है। लेकिन 1 अगस्त को यह १ हजार मीटर से भी कम हो गई थी। इसके बाद 4 अगस्त को यह 600 मीटर दर्ज की गई। इसी तरह एक दो दिन पहले भी सामान्य से आधी दृश्यता थी। उनका कहना है, बारिश में एेसा तेज बारिश के समय होता है। यह स्थिति तो सितंबर के आखिर में बनती है, जब मानसून लौटता है।
ज्यादा नमी और धूल के कण धुंध में बदल गए

मौसम विशेषज्ञ ने बताया, जब कई दिनों तक ठीक से बारिश नहीं होती है तो एेसी स्थितियां बनती है। इस साल वातावरण में नमी अधिक होने और बारिश नहीं होने के कारण धूल के कणों के साथ मिलकर कोहरे या धुंध जैसी स्थितियां बन रही है। इससे सुबह-सुबह दृश्यता कम मिल रही है। इस सारे मामले में एक विरोधाभास भी है, प्रदूषण विशेषज्ञों की मानें तो इस समय वातावरण में धूल के कण सामान्य से भी कम हैं और आबो-हवा पूरे साल से बेहतर स्तर पर है।
हवाओं का पैटर्न भी बदला

इस बार मानसून की तीव्रता कमजोर होने से शहर को पर्याप्त बारिश नहीं मिल रही है। तापमान में असमानता के साथ ही हवाओं का पैटर्न भी सेट नहीं हो पा रहा है। आमतौर पर इन दिनों में दक्षिण-पश्चिम की नमी और ठंडी हवाओं का जोर होता है। जबकि इस बार उत्तर-पश्चिमी और उत्तरी हवाओं का मिश्रण लगातार होने से भी मुश्किल आ रही है।
बूंदों के इंतजार में बीत गया दिन

सोमवार सुबह से ही बादलों का घेरा आसमान पर छाया था। लग रहा था, दिन में अच्छी बारिश होगी। दोपहर में भी उम्मीद बनी रही, लेकिन शाम को मौसम साफ हो गया। बीते 24 घंटे में ३ मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। दिन का अधिकतम तापमान 28.8 डिग्री रहा और न्यूनतम तापमान 22.4 डिग्री दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार इस समय उत्तर-पूर्वी मप्र में एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है, जिससे बारिश होने की उम्मीद है।
इंदौर में 10 अगस्त तक बरसा पानी
वर्ष —- वर्षा

2019 —- 26 इंच
2020 —- 15.5 इंच

लगभग 10 इंच का अंतर, औसत से आधा भी नहीं बरसा

अगस्त में पिछले साल 7 इंच बारिश हुई, इस साल सिर्फ 3 इंच
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