स्वामी तेजोमयानंद का व्याख्यान…
चिता तो मृत को एक बार जलाती है पर चिंता बार-बार
इंदौर . चिता तो मृत व्यक्ति को एक बार जलाती है, परंतु चिंता जीवित व्यक्ति तो पल-पल जलाती है। इनसे निकलने का एक ही उपाय है। चिंताएं उस चिंताहरण को समर्पित कर दो जो हर योगक्षेम वहन करने वाला है।
मंगलवार को स्कीम नंबर 78 में भक्ति एवं ज्ञान यज्ञ महोत्सव में स्वामी तेजोमयानंद ने मधुराष्टकम पर व्याख्यान देते हुए उक्त विचार रखें। उन्होंने कहा, नर का आभूषण रूप, रूप का गुण, गुण का ज्ञान और ज्ञान का आभूषण क्षमा है। क्षमाशील ही सर्व शक्तिमान है।
साधना के १० कक्ष व अन्नक्षेत्र का लोकार्पण : चिन्मय मिशन आश्रम को चिन्मय मधुरम के रूप में संतों और साधकों की साधना के लिए दस कक्ष और एक अन्नक्षेत्र की सौगात मिली। स्वामी प्रबुद्धानंद ने बताया, चिन्मय मधुरम का उद्घाटन स्वामी तेजोमयानंद, स्वामी सुबोधानंद, चिन्मय सेवा ट्रस्ट के सचिव रामनिरंजन लोहिया ने किया।
13 प्रमुख दानदाताओं और निर्माण कार्य में मुख्य भूमिका निभाने वाले सहयोगियों को भी कार्यक्रम में प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का समापन प्रसाद वितरण से हुआ।
चिता तो मृत को एक बार जलाती है पर चिंता बार-बार
इंदौर . चिता तो मृत व्यक्ति को एक बार जलाती है, परंतु चिंता जीवित व्यक्ति तो पल-पल जलाती है। इनसे निकलने का एक ही उपाय है। चिंताएं उस चिंताहरण को समर्पित कर दो जो हर योगक्षेम वहन करने वाला है।
मंगलवार को स्कीम नंबर 78 में भक्ति एवं ज्ञान यज्ञ महोत्सव में स्वामी तेजोमयानंद ने मधुराष्टकम पर व्याख्यान देते हुए उक्त विचार रखें। उन्होंने कहा, नर का आभूषण रूप, रूप का गुण, गुण का ज्ञान और ज्ञान का आभूषण क्षमा है। क्षमाशील ही सर्व शक्तिमान है।
साधना के १० कक्ष व अन्नक्षेत्र का लोकार्पण : चिन्मय मिशन आश्रम को चिन्मय मधुरम के रूप में संतों और साधकों की साधना के लिए दस कक्ष और एक अन्नक्षेत्र की सौगात मिली। स्वामी प्रबुद्धानंद ने बताया, चिन्मय मधुरम का उद्घाटन स्वामी तेजोमयानंद, स्वामी सुबोधानंद, चिन्मय सेवा ट्रस्ट के सचिव रामनिरंजन लोहिया ने किया।
13 प्रमुख दानदाताओं और निर्माण कार्य में मुख्य भूमिका निभाने वाले सहयोगियों को भी कार्यक्रम में प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का समापन प्रसाद वितरण से हुआ।