क्लब के विकास में वेलफेयर फंड इस्तेमाल नहीं हो सकेगा
यशवंत क्लब की वार्षिक साधारण सभा में कई अहम फैसले, प्रॉपर्टी टैक्स और बार लाइसेंस फीस के मुद्दे पर चेयरमैन और पूर्व सचिव में तीखी बहस

इंदौर. यशवंत क्लब की रविवार को संपन्न वार्षिक साधारण सभा (एजीएम) में सदस्यों ने समाज कल्याण के लिए एकत्र वेलफेयर फंड की राशि का इस्तेमाल क्लब के विकास में करने के मुद्दे पर नाराजगी जताई। प्रॉपर्टी टैक्स का करीब 32 लाख रुपए जमा करने पर चेयरमैन पम्मी छाबड़ा और पूर्व सचिव संदीप पारिख के बीच तीखी बहस हुई।
शाम करीब 6.30 बजे क्लब के हॉल में शुरू हुई बैठक में ऑडिटर्स रिपोर्ट में प्रस्ताव आया कि वेलफेयर फंड के रूप में क्लब के पास करीब 70 लाख रुपए जमा हो चुके हैं, जिनका इस्तेमाल क्लब के विकास में भी किया जा सकता है ।इस पर सदस्य दिवाकर शाह और अतुल सेठ ने आपत्ति लेते हुए कहा, जब यह राशि समाज कल्याण के लिए ली गई है तो उसका इस्तेमाल क्लब के विकास में करना अनुचित होगा। क्लब के विकास के लिए सदस्य मिलकर पैसा एकत्र करें। अन्य सदस्यों ने भी इस पर सहमति जताई।
लंबे समय से क्लब सदस्यों से हर वर्ष 100 रुपए वेलफेयर फंड के नाम पर लिए जाते हैं। कुछ सदस्यों ने सुझाव दिया कि जिन सदस्यों के माता-पिता में से एक का निधन हो गया है और वह क्लब के सदस्य नहीं हैं तो उन्हें सम्मान पूर्वक क्लब बुलाया जाना चाहिए। उनकी गेस्ट फीस भी कम हो। इस पर सभी ने सहमति दी। मैनेजिंग कमेटी इस मुद्दे पर जल्द फैसला लेगी।क्लब लंबे समय से हर वर्ष करीब 3 लाख प्रॉपर्टी टैक्स के रूप में जमा करता आ रहा था, लेकिन इस वर्ष नगर निगम ने करीब 32 लाख रुपए का टैक्स नोटिस भेजा था। पूर्व कार्यकारिणी ने बिना इसका विरोध किए पैसे जमा कर दिए, जिस पर हालिया चेयरमैन पम्मी छाबड़ा ने आपत्ति जताई।
उन्होंने पूर्व सचिव संदीप पारीख को इस मुद्दे पर घेरा। बार लाइसेंस फीस कम करने को लेकर भी सदस्यों ने कार्यकारिणी द्वारा प्रयास नहीं करने पर नाराजगी जताई है। बैठक में सदस्यों के अलावा अन्य लोगों के क्लब में प्रवेश को रोकने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। गेट पर आधुनिक मशीन लगाने पर सहमति बनी है । करीब 5 लाख रुपए की इस मशीन से कार्ड दिखाने के बाद ही सदस्यों को प्रवेश मिलेगा। 2 घंटे चली बैठक में हालिया कार्यकारिणी के विकास कार्यों का ब्यौरा पेश कर करीब 4 करोड़ का बजट भी पेश किया है।
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