आइडीए की यह महात्वाकांक्षी योजना में आवासीय व व्यावसायिक दोनों तरह के प्लॉट होंगे। इसे महानगरों की तर्ज पर अत्याधुनिक आवासीय कम कमर्शियल जोन बनाने पर विचार चल रहा है। सबसे बड़ी बात, सडक़ कॉरिडोर व एयरपोर्ट रोड को धार रोड से जोड़ेगी, जिससे अहमदाबाद और मुंबई की ओर से आने वाले वाहन कॉरिडोर की ओर आ जा सकेंगे। जिससे यह पश्चिमी रिंग रोड के विकल्प की तरह काम करेगी।
दरअसल, शहर के पश्चिमी क्षेत्र से कॉरिडोर या एमआर-10, उज्जैन की ओर वाहनों की आवाजाही के लिए फिलहाल शहर के मध्यक्षेत्र के व्यस्ततम इलाकों से होते हुए एयरपोर्ट रोड या बाणगंगा मेन रोड के अलावा कोई विकल्प नहीं है। मास्टर प्लान में पश्चिम रिंग रोड प्रस्तावित किया गया है। जिसका एक हिस्सा एबी रोड रेती मंडी से चंदन नगर तक बन चुका है। इसके बाद रोड का चंदननगर से मोहता बाग-एयरपोर्ट रोड व यहां से एमआर-10 तक का बड़ा हिस्सा सघन आवासीय इलाके में उलझ गया है।
एेसे बनेगा विकल्प
सरकार ने आडीए को उषा राजे ट्रस्ट से जीती सरकारी जमीन दे कर आउटर रिंग रोड के निर्माण तक शहर को एक वैकल्पिक मार्ग बनाने का रास्ता साफ कर दिया है। इस निर्णय के बाद सुपर कॉरिडोर का नैनोद तक प्रस्तावित हिस्से का निर्माण पूरा हो जाएगा। यह सडक़ कॉरिडोर व एयरपोर्ट रोड़ को धार रोड से जोड़ देगी।
सरकार ने आडीए को उषा राजे ट्रस्ट से जीती सरकारी जमीन दे कर आउटर रिंग रोड के निर्माण तक शहर को एक वैकल्पिक मार्ग बनाने का रास्ता साफ कर दिया है। इस निर्णय के बाद सुपर कॉरिडोर का नैनोद तक प्रस्तावित हिस्से का निर्माण पूरा हो जाएगा। यह सडक़ कॉरिडोर व एयरपोर्ट रोड़ को धार रोड से जोड़ देगी।
जिससे पश्चिमी रिंग रोड से एयरपोर्ट पर आने का रास्ता भी साफ हो जाएगा। क्योंकि नैनोद चौराहे से टू लेन सडक़ धार रोड पर सिरपुर के आगे नावदापंथ के आसपास मिलती है। यानी अब पश्चिमी रिंग रोड की ओर से आ रहे वाहनों को एयरपोर्ट रोड तक उज्जैन – देवास की ओर जाने के लिए रास्ता मिल जाएगा। क्योंकि देपालपुर रोड के बाद कॉरिडोर से वाहन भौरासला चौराहे पर उज्जैन रोड को मिलेंगे।