नेशनल लोक अदालत का आयोजन शनिवार को किया गया। इसमें बकाया संपत्तिकर और जलकर पर लगे सरचार्ज को 100 प्रतिशत तक माफ करने के साथ 50 से 25 प्रतिशत तक की छूट की गई। बकाया राशि के हिसाब से सरचार्ज माफी और छूट का लाभ दिया गया है। लोक अदालत लगने पर निगम को उम्मीद थी कि तकरीबन 11 करोड़ रुपए तक जमा हो जाएंगे, लेकिन निगम को उम्मीद से डबल पैसा मिल गया। टैक्स बकायादारों ने सरचार्ज माफ कराने के साथ छूट लेकर निगम मुख्यालय के काउंटर, जोनल ऑफिस के कैश काउंटर और रजिस्ट्रार ऑफिस में 22 करोड़ 82 लाख 62 हजार 222 रुपए जमा हुए हैं।
बकाया टैक्स वसूली में निगम के 19 जोन में से विजय नगर जहां नंबर वन रहा, वहीं सुभाष नगर जोन सबसे पीछे रहा। लोक अदालत में टैक्स बकायादारों के जरिए ज्यादा से ज्यादा पैसा जमा हो जाए। इसके लिए आयुक्त आशीष सिंह, राजस्व विभाग के अपर आयुक्त देवेंद्र सिंह और उपायुक्त अरुण शर्मा लगातार मॉनिटरिंग करते रहे। साथ ही बकाया टैक्स वसूली को लेकर सभी 19 जोन के सहायक राजस्व अधिकारी (एआरओ) और बिल कलेक्टरों से लगातार अपटेड लेते रहे। नतीजतन निगम के खजाने में एक ही दिन में 22 करोड़ रुपए से ज्यादा जमा हो गए और वसूली का आंकड़ा सुधर गया। लोक अदालत में अच्छी-खासी वसूली होने के बाद अब निगम राजस्व विभाग का पूरा फोकस ३१ मार्च पर रहेगा, क्योंकि इस दिनांक तक 500 करोड़ रुपए वसूल करने का लक्ष्य रखा गया है। अभी तक निगम खजाने में 400 करोड़ रुपए के आसपास जमा हो गए हैं। 21 दिन में 100 करोड़ रुपए वसूलने का टारगेट है।
आईडीए ने 1 करोड़ की छूट लेकर जमा करवाए सात करोड़
बकाया संपत्तिकर पर लगे सरचार्ज माफी के साथ छूट का लाभ इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) ने भी लिया। अपनी संपत्ति पर टैक्स की बकाया राशि जमा कराते हुए आईडीए ने जहां 7 करोड़ 58 लाख रुपए जमा कराए, वहीं 1 करोड़ रुपए की छूट का लाभ लिया। मालूम हो कि राजस्व विभाग के उपायुक्त अरुण शर्मा पिछले दो-चार दिन से आईडीए की जेब से बकाया पैसा निकालने का प्रयास कर रहे थे। उम्मीद थी कि आईडीए से निगम को तकरीबन 16 करोड़ रुपए मिलेंगे। इसके लिए आयुक्त आशीष सिंह ने भी आईडीए के जिम्मेदारों से बात भी की थी। इस प्रायस के चलते निगम को पैसा तो मिला, लेकिन उम्मीद के हिसाब से 16 करोड़ रुपए नहीं।