इंदौर की डॉ. यश्विनी राठौर पत्रिका की 40 अंडर 40 पावर लिस्ट में शामिल…
सवाल: डॉक्टर बनकर किस तरह समाजसेवा कर रही हैं?
जवाब: कोविड के दो साल मुझे खुद को साबित करने का मौका मिला। पापा चाहते भले ही पीपीई किट पहनना पड़े, लेकिन कर्तव्य से पीछे न हटें। उस दौरान घंटों पीपीई किट पहनकर मरीजों की सेवा की। हजारों कोरोना मरीजों को ठीक किया। पहली वेव में मैं संक्रमित नहीं हुई, पर दूसरी वेव में पॉजिटिव हो गई। बहुत कमजोर हो गई थी, खाना भी नहीं खा पाती थी। लेकिन चाहती थी जल्दी ठीक हो जाऊं और फिर मरीजों की सेवा कर सकूं।
सवाल: कोविड के बाद से कैसे लोगों की मदद करती हैं? जवाब: 6 साल से डेंटिस्ट हूं, पता है कई गांवों में लोग दांतों को लेकर लापरवाह हैं। गांवों में शिविर लगाती हूं। अवेयर करती हूं। कई ऑपरेशन नि:शुल्क किए हैं। नि:स्वार्थ सेवा के लिए 2017 में नेशनल अवार्ड मिला। रिसर्च के लिए 2014 में किंग्स कॉलेज लंदन में निबंध प्रतियोगिता में ऑल अवर इंडिया में थर्ड रैंक मिली थी।
पांच साल की उम्र से ही मुझे गाने का शौक रहा। स्कूल-कॉलेजों में प्रतियोगिता में भाग लिया। इंटरनेशनल लेवल पर हस्सेदारी की। कई अवॉर्ड्स भी जीते। 2017 में राइजिंग स्टार और इसी साले स्टार वॉइस ऑफ मप्र भी जीता। विषम हालात में भी मुझे शक्ति मिली।
– डॉ. यश्विनी राठौर, हेल्थकेयर