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22 साल पहले की वो बुरी यादें, जब इंदौर में 18 गेंद बाद ही श्रीलंका ने कहा नहीं खेलेंगे मैच, उसके बाद…

locationइंदौरPublished: Jan 06, 2020 08:07:11 pm

Submitted by:

Muneshwar Kumar

नेहरू स्टेडियम में खेला गया था यह मैच, सचिन तेंदुलकर थे भारतीय टीम के कप्तान

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इंदौर/ भारत और श्रीलंका के बीच दूसरा टी-20 मैच इंदौर में खेला जाना है। भारत और श्रीलंका की टीम इंदौर पहुंच गई है। मंगलवार को होल्कर स्टेडियम में मैच खेला जाएगा। होल्कर स्टेडियम में टीम इंडिया का पलड़ा भारी रहा है। लेकिन जब इंदौर में श्रीलंका के साथ मैच होता है तो क्रिकेटप्रेमी 22 साल पुरानी उस बात को याद जरूर करते हैं। जिसकी वजह दुनिया के सामने टीम इंडिया शर्मसार हुई थी।
क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में टीम इंडिया होल्कर स्टेडियम में अब तक आठ मैच खेले हैं। जिसमें दो टेस्ट मैच, एक टी-20 मुकाबला और पांच वनडे मैच है। सभी मैचों में टीम इंडिया ने जीत हासिल की है। होल्कर स्टेडियम में टी-20 का दूसरा मुकाबला होने वाला है। लेकिन इंदौर में होल्कर स्टेडियम से पहले नेहरू स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला जाता था। बुरी याद भी उसी स्टेडियम से जुड़ा हुआ है।
22 साल पुरानी है बात
दरअसल, इंदौर के नेहरू स्टेडियम में 25 दिसंबर 1997 को भारत और श्रीलंका के बीच मैच खेला गया था। जिसकी वजह से इंडिया की क्रिकेट जगत में भारी फजीहत हुई थी। करीब 22 साल पहले नेहरू स्टेडियम में कुछ ऐसा वाक्या हुआ था, जिसके बाद श्रीलंकाई टीम ने 18 गेंद बाद ही मैच खेलने से मना कर दिया। उस समय श्रीलंका का स्कोर 17 रन था। उसके बाद मैच को रद्द करना पड़ा था। दिसंबर 1997 में भारत 3 मैचों की वनडे सीरीज की मेजबानी कर रहा था और श्रीलंका मेहमान बनकर आया था।
पहले बल्लेबाजी करने उतरा श्रीलंका
इस मैच में टॉस जीतकर श्रीलंकाई टीम पहले बल्लेबाजी करने उतरी। श्रीलंकाई टीम के कप्तान अर्जुन रणतुंगा थे और भारत के सचिन तेंदुलकर के। लेकिन श्रीलंकाई बल्लेबाज जैसे ही मैदान में बल्लेबाजी के लिए उतरे वह अवाक रह गए। गेंद पिच पर खतरनाक तरीके से उछाल ले रही थी। पहले ही ओवर के चौथे गेंद पर भारतीय गेंदबाज जवागल श्रीनाथ ने श्रीलंकाई ओपनर कालू विर्थना को चलता कर दिया।
मैदान में आ गए रणतुंगा
कालू विर्थना के आउट होने के बाद मैदान में जयसूर्या और रोशन महानामा बल्लेबाजी कर रहे थे। गेंद में इतनी उछाल थी बल्लेबाजों के लिए खेलना मुश्किल था। साथ ही उन्हें चोट लगने का भी खतरा था। उसके बाद श्रीलंकाई कप्तान अर्जुन रणतुंगा खुद ही मैदान में पहुंच गए। उसके बाद रणतुंगा ने मैच खेलने से इनकार कर दिया। उन्होंने भारतीय कप्तान सचिन तेंदुलकर के साथ मंत्रणा करने के बाद मैच रद्द करने पर सहमति बना ली।

दो साल तक स्टेडियम पर लगा प्रतिबंध
इस घटना के बाद भारतीय टीम की काफी फजीहत हुई। मैद रद्द होने के बाद क्रिकेट प्रेमियों को निराशा हाथ लगी। इस घटना के बाद नेहरू स्टेडियम पर दो साल के लिए प्रतिबंधित भी कर दिया गया। लेकिन तेंदुलकर ने प्रतिबंध हटने के बाद इसी मैदान पर अपने दस हजार रन भी 31 मार्च 2001 को पूरे किए। नेहरू स्टेडियम के बाद अब इंदौर में होल्कर स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय मैच होता है।
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