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मरीज की निकल रही थी जान, फिर भी भर्ती नहीं कर रहे थे अस्पताल….तब लगाया सांसद ने फोन

locationइंदौरPublished: Apr 06, 2020 11:30:32 am

Submitted by:

Mohit Panchal

अस्पताल वालों की मनमानी जारी, भाजपा नेता के जीजा की तबीयत हुई थी खराब, तीन अस्पताल घूमे तब जाकर शुरू हुआ इलाज

मरीज की निकल रही थी जान, फिर भी भर्ती नहीं कर रहे थे अस्पताल....तब लगाया सांसद ने फोन

मरीज की निकल रही थी जान, फिर भी भर्ती नहीं कर रहे थे अस्पताल….तब लगाया सांसद ने फोन

इंदौर। अस्पताल वाले मान नहीं रहे हैं। वे लोगों का इलाज करने से इनकार कर रहे हैं। ऐसा ही मामला कल सामने आया। एक भाजपा नेता के जीजा की तबीयत खराब हो गई। सांस लेने में दिक्कत आने लगी तो परिवार लेकर दौड़ा। एक के बाद एक अस्पतालों ने भर्ती करने से इनकार कर दिया। आखिर में देर रात को भाजपाई ने सांसद को घटनाक्रम बताया। उनके फोन बाद अस्पताल प्रबंधन भर्ती करने को राजी हुआ।
कल शाम 7 बजे जूनी इंदौर कलालकुई मस्जिद के पास रहने वाले राजिक खान की अचानक सांस तेजी से चलने लगी। घरेलू इलाज करने के बाद भी जब तबीयत ज्यादा खराब होने लगी तो उनके साले भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा उपाध्यक्ष साजित रॉयल उन्हें लेकर गुमाश्ता नगर स्थित एक अस्पताल में पहुंचे तो उन्होंने लेने से इनकार कर दिया।
बाद में उन्हें वायएन रोड के एक अस्पताल में लेकर पहुंचे, वहां से भी इनकार कर दिया। तीन घंटे की दौड़ धूप के बाद साउथ तुकोगंज के एक अस्पताल ले जाया गया। वहां भी भर्ती करने से साफ इनकार कर दिया। इस पर रॉयल ने सांसद शंकर लालवानी को फोन लगाया। घटनाक्रम की जानकारी लेने के बाद लालवानी ने तुरंत ही अस्पताल में फोन लगाया। उनसे बात करने के बाद में उन्हें भर्ती किया गया।
नहीं मिल रही दवाई

भर्ती करने के बाद अस्पताल ने मरीज को दी जाने वाली दवाई की पर्ची सौंपी। रात को सभी मेडिकल स्टोर बंद मिले। एक खुला था, जिसमें सिर्फ दो दवाएं ही मिलीं। देर रात को पलासिया के एक अस्पताल के मेडिकल स्टोर पर सारी दवाइयां मिलीं तब जाकर राजिक का इलाज शुरू हो सका।
नहीं सुधर रहे अस्पताल

प्रशासन ने अस्पतालों की अलग-अलग श्रेणियां बना दी हैं। उसके बाद सभी को मरीजों का इलाज करने के निर्देश जारी किए हैं। इसके बावजूद कई अस्पताल इलाज नहीं कर रहे हैं जिसके चलते मरीज परेशान हो रहे हंै। कोरोना तो ठीक अन्य बीमारियों में भी मरीजों की जान जा रही है। इसको लेकर कलेक्टर मनीष सिंह ने शिकायत के बाद तीन अस्पताल प्रबंधनों को सख्त निर्देश भी दिए थे। उसके बावजूद ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
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