ये हुए गिरफ्तार
एसटीएफ ने रविवार को लीलाबाई निवासी इंदौर, पुष्पा निवासी देवास, प्रभूदयाल निवासी देवास, शिरीष इंदुरकर निवासी देवास, सुधा इंदुरकर निवासी देवास, अजय कुमार निवासी रतलाम, स्वर्णलता निवासी रतलाम को गिरफ्तार किया। सोमवार को इन्हें कोर्ट पेश किया गया। सभी का तीन दिन का रिमांड लिया है। टीआई एमए सैय्यद ने बताया कि शिरीष इंदुरकर देवास नगर निगम में वर्कशॉप इंचॉर्ज है। अजय कुमार बिजली विभाग में जेई थे और रिटायर हो चुके हैं। उनकी तीन बेटियां हैं। बेटा नहीं होने पर इस तरह से बेटा हासिल किया।
लीलाबाई उनकी समधन है। शिरीष व अजय का कहना है कि उन्होंने बच्चे के लिए कोई पैसा नहीं दिया। यही बात लीलाबाई बता रही है। हालांकि पुलिस को इस पर यकीन नहीं है। शिरीष के घर के पास पुष्पा रहती है। इसी के चलते लीलाबाई उन्हें जानती है। दंपत्ति को संतान नहीं थी तो उन्होंने बच्चा लिया। आरोपियों से पूछताछ में एसटीएफ जुटी है। पता कर रहे हंै कि इसी तरह और भी बच्चों को तो नहीं चुराया गया।
क्लीनिक हो चुका है बंद
स्कीम 51 स्थित यश मेटरनिटी क्लीनिक से दोनों ने बच्चों को चुराकर दिया था। टीआई सैय्यद ने बताया कि लीला बाई का कहना है कि यह क्लीनिक चार साल पहले बंद हो चुका है। एसटीएफ को क्लीनिक संचालक से भी जानकारी लेना है। गीता ने बताया है कि इसकी संचालक डॉ. शंकुतला शुक्ला है। लीला दावा कर रही है कि उनकी मौत हो चुकी है। हालांकि एसटीएफ इस बात की पुष्टि करेगी। जिन दो बच्चों को चुराया गया था उनके माता-पिता की तलाश करने का प्रयास किया जाएगा। दोनों दंपत्ति व बच्चों का डीएनए टेस्ट करवाया जाएगा।