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सर्वधर्म स्थलों की सरकार ने कलेक्टर से पूछा : मंदिर, दरगाह, गुरुद्वारा और चर्च में कहां-कहां हैं प्रबंधक

locationइंदौरPublished: Dec 06, 2019 04:00:02 pm

पहली बार मंदिरों सहित अन्य धर्मस्थलों की भी ली जा रही जानकारी

सर्वधर्म स्थलों की सरकार ने कलेक्टर से पूछा : मंदिर, दरगाह, गुरुद्वारा और चर्च में कहां-कहां कलेक्टर हैं प्रबंधक

सर्वधर्म स्थलों की सरकार ने कलेक्टर से पूछा : मंदिर, दरगाह, गुरुद्वारा और चर्च में कहां-कहां कलेक्टर हैं प्रबंधक

इंदौर. सरकार अब सरकारी धर्मस्थलों की फेहरिस्त तैयार कर रही है, जिसमें व्यवस्थापक के तौर पर कलेक्टर का नाम दर्ज है। अब तक मंदिरों की कई बार जानकारी ली जा चुकी है, लेकिन पहली बार दरगाह, चर्च और गुरुद्वारों को शामिल किया गया है।
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सरकारी धर्मस्थलों की जमीनों पर कब्जों को लेकर सरकार का चिंतित होना लाजमी है। ऐसा इंदौर ही नहीं, पूरे प्रदेश में हो रहा है। कहीं पुजारी तो कहीं वक्फ कमेटी में बैठे चंद कलाकारों ने जमीन लीज पर देने या खरीद-फरोख्त कर ठिकाने लगाने का काम किया। बाद में कोर्ट में केस चलता रहा, जिसमें सरकार के नुमाइंदों की लापरवाही से सरकार को हार का मुंह भी देखना पड़ा। इंदौर में ही ऐसे एक दर्जन से अधिक मंदिरों के मामले हैं, जिसमें सरकार को मुंह की खानी पड़ी या ये कह सकते हैं कि अफसरों की साठ-गांठ के चलते कोर्ट में आंख बंद कर ली गईं। जब प्रदेश में मंदिर की सैकड़ों एकड़ जमीन लुट गई, तब सरकार जिला प्रशासन को पत्र लिखती रही। एक बार फिर ऐसी ही कसरत प्रदेश अध्यात्म विभाग ने शुरू की।
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हाल ही में उप सचिव किरण मिश्रा ने प्रदेश के सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर जानकारी मांगी है। कहा है कि जिले में पंजीकृत धार्मिक संस्थाओं यानी मंदिर, दरगाह, चर्च और गुरुद्वारा की जानकारी दी जाए। जिनमें कलेक्टर प्रबंधक हों, उनकी सूची अलग से बनाई जाए। साथ में ये भी बताया जाए कि कलेक्टर के प्रबंधन होने के अलावा जमीन पर कब्जा तो नहीं है। पत्र के बाद कलेक्टर लोकेश जाटव ने रिपोर्ट को समयसीमा में जारी करने के निर्देश जारी कर दिए। साथ में सभी तहसीलों को नोटिस जारी करके रिपोर्ट मांग ली।
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