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थोक मंडियों में भाव 20 रुपए तक लुढक़ा

locationइंदौरPublished: Feb 10, 2020 06:10:34 pm

महंगे प्याज से मिलने लगी राहत

थोक मंडियों में भाव 20 रुपए तक लुढक़ा

थोक मंडियों में भाव 20 रुपए तक लुढक़ा

इंदौर. प्याज की बढ़ती कीमतों से उपभोक्ताओं को राहत मिलने लगी है। दिसंबर 2019 में जो प्याज 100 रुपए किलो से ऊपर बिक रही थी, वहीं लुढकऱ 20 रुपए किलो के स्तर पर आ गई है। इंदौर मंडी में 60 गाड़ी रोजाना प्याज आ रही है। प्याज व्यापारी विनोद अग्रवाल का कहना है कि आवक का दबाव बढऩे लगा है, जिससे कीमतें गिरी है। दिसंबर से अब तक 50 से 60 प्रतिशत कीमतें नीचे आ गई है। आयातित प्याज में उपभोक्ताओं को कम पसंद आ रहा है, जिससे इसकी बिक्री लगातार घट रही है। मंडी में आयातित प्याज 15 से 18 रुपए किलो बिक रहा है।
निर्यात पर रोक हटाने की मांग
सरकार ने घरेलू कीमतों पर लगाम लगाने के लिए अक्टूबर 2019 से प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी थी। अब ओनियन एक्सपोर्ट एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने निर्यात से प्रतिबंध हटाने की जरूरत बताते हुए कामर्स मिनिस्ट्री को पत्र लिखा है। ट्रेड एक्सपर्ट का कहना है कि अगर फरवरी मध्य तक निर्यात शुरू नहीं हुआ तो मार्च/अप्रैल में हालात खराब हो सकते हैं। प्याज की आवक बढऩे से कीमतों में जोरदार गिरावट आ सकती है।
80 फीसदी आयातित प्याज सडऩे की आशंका
कुछ दिनों पहले उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने भी कहा था कि केंद्र सरकार राज्यों को 55 रुपए प्रति किलो की दर से प्याज दे रही है। सरकार ने अब तक विदेशों से 24,500 टन प्याज मंगाया है, जबकि आयात के कुल 40,000 टन के सौदे हुए हैं। लेकिन राज्यों ने केवल 2,000 टन प्याज ही उठाया है, लिहाजा अब बचे हुए 89 फीसदी प्याज के सडऩे की चिंता बढ़ रही है।
क्यों घटी कीमत
पिछले दिनों नए प्याज की आवक मंडियों में बढ़ गई है जिसकी वजह से प्याज की कीमतों में गिरावट आई है। प्याज का दाम बढऩे पर किसानों ने रबी सीजन में अच्छी फसल लगाई है और प्याज का रकबा चालू सीजन में 9.34 लाख हैक्टेयर होने का अनुमान है, जबकि पिछले साल रबी सीजन में प्याज का रकबा 7.6 लाख हैक्टेयर था। मालूम हो कि बीते मॉनसून में हुई भारी बारिश से खरीफ सीजन में प्याज की फसल खराब होने से देश में प्याज की उपलब्धता कम हो गई थी, जिसके कारण प्याज के दाम आसमान छू गए थे।
सरकारी अनुमान में बढ़ा प्याज उत्पादन
पिछले साल खरीफ सत्र में प्याज को नुकसान के दावे के बीच अब चालू फसल वर्ष 2019-20 में प्याज उत्पादन सात प्रतिशत बढकऱ 2.44 करोड़ टन रहने का सरकार का अनुमान है। पिछले कुछ महीनों के दौरान प्याज के ऊंचे दाम से त्रस्त ग्राहकों को राहत मिलने की उम्मीद है। चालू फसल वर्ष में बागवानी फसलों के कुल उत्पादन में मामूली इजाफा हो सकता है। कृषि मंत्रालय ने पहला अनुमान जारी करते हुए कहा कि फसल वर्ष 2019-20 (जुलाई-जून) में प्याज फसल का रकबा बढकऱ 12.93 लाख हेक्टेयर रहा। यह पिछले फसल वर्ष के 12.20 लाख हेक्टेयर से कुछ अधिक है। इसके परिणामस्वरूप प्याज का उत्पादन इस साल बढकऱ 2.44 करोड़ टन होने का अनुमान है जो 2018-19 में 2.28 करोड़ टन था।
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