भंवरकुआं थाना चितावद, इंदौर कस्बा, पिपल्याराव, लिम्बोदी और बिलावली राजस्व गांव की सीमा में फैला हुआ है। इनके कांकड की सरकारी जमीन सहित अन्य जमीनों पर कब्जे हो चुके है। इन कब्जों को हटाकर खाली जमीन पर थाना बनाया जा सकता है। इसी क्षेत्र में कई सरकारी विभागों के दफ्तर और जमीनें पहले से मौजूद है। इनमें से कई बिल्डिंगों का इस्तेमाल भी नहीं हो रहा है। इसके बावजूद थाने को इन बनी-बनाई इमारतों में शिफ्ट करने की जगह विवि की जमीन पर ही शिफ्ट कराने की कवायद है। रिंग रोड़ पर क्रिस्टल आईटी पार्क के ठीक सामने कृषि विभाग का कृषक भवन इमारत भी है। ये बिल्डिंग किसानों के विश्राम गृह के लिए बनाई गई थी। लेकिन, इसका उपयोग किसानों के द्वारा न के बराबर ही किया गया है। इसके अलावा राजीव गांधी चौराहे पर नदी के किनारे भी सरकारी जमीन है। मौजूदा भंवरकुआं थाने के ठीक सामने की ओर ट्रांसपोर्ट नगर की ओर जाने वाले रास्ते पर भी सरकारी जमीन का टुकड़ा है जिस पर कब्जे हो चुके है। मालूम हो, ए प्लस का दर्जा मिलने के बाद देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के विकास और विस्तार की योजनाएं बन रही है। ऐसे में थाने और पानी की टंकी के लिए जमीन का बड़ा हिस्सा दिए जाने से ये योजनाएं भी प्रभावित होंगी।
———– यदि विश्वविद्यालय की जमीन के अलावा प्रशासन के पास और भी जमीन के विकल्प है तो प्रशासन को उन पर ध्यान देना चाहिए। शैक्षणिक उपयोग के लिए मिली जमीन का इस्तेमाल शिक्षा के लिए ही हो तो बेहतर होगा। फिलहाल शहर हित में हम थाने के लिए जमीन देने का प्रस्ताव कार्यपरिषद में रखने जा रहे है।
– प्रो.रेणु जैन, कुलपति