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शादी के चार दिन बाद पता चला पत्नी नहीं निभा सकती ‘रिश्ताÓ, साढ़े चार साल बाद डॉ. दंपती का विवाह शून्य

locationइंदौरPublished: Nov 25, 2021 03:41:47 pm

कोर्ट ने माना- नपुसंकता छिपाकर युवती और उसके परिजन ने किया डॉक्टर युवक से कपट
 

शादी के चार दिन बाद पता चला पत्नी नहीं निभा सकती 'रिश्ताÓ, साढ़े चार साल बाद डॉ. दंपती का विवाह शून्य

शादी के चार दिन बाद पता चला पत्नी नहीं निभा सकती ‘रिश्ताÓ, साढ़े चार साल बाद डॉ. दंपती का विवाह शून्य

विकास मिश्रा, इंदौर

शारीरिक विकृति (नपुसंकता) छिपाकर डॉक्टर महिला द्वारा कपट से किया विवाह इंदौर के कुटुम्ब न्यायालय में शून्य घोषित किया। करीब साढ़े चार साल बाद मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट, गवाहों के बयान पर कोर्ट ने फैसला सुनाया। डॉक्टर युवक की धूमधाम से परिजन ने डॉक्टर युवती से शादी की थी, लेकिन चार दिन बाद पता चला युवती शारीरिक विकृति के चलते वैवाहिक ‘रिश्ताÓ निभा नहीं सकती। शादी के पांच महीने बाद डॉक्टर पति ने इंदौर के कुटुम्ब न्यायालय में केस दायर किया, लेकिन महिला द्वारा समय पर बयान नहीं देने, मेडिकल बोर्ड के समक्ष जांच कराने नहीं जाने व अन्य कारण से करीब साढ़े चार साल बाद पति को तलाक मिल सका। प्रधान न्यायाधीश अनिल कुमार सोनाने ने आदेश में लिखा, युवती और उसके परिजन ने शारीरिक विकृति छिपाकर युवक से कपट किया है। पांच महीने में कोर्ट में केस भी दर्ज करा दिया था, इसलिए वह तलाक पाने का अधिकारी है। एडवोकेट जितेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया यह मप्र का संभवत: पहला केस है, जिसमें महिला की नपुंसकता के आधार पर कोर्ट ने विवाह शून्य किया है।
सामान समेटकर मायके लौट गई

ठाकुर ने बताया, मूल रूप से पति-पत्नी ग्वालियर के पास के गांव में रहते थे। ४ मार्च २०१७ को दोनों परिवारों की सहमति से ग्वालियर में धूमधाम से विवाह हुआ। शादी के समय युवती इंदौर के मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस कर रही थी। युवक भी इंदौर में डॉक्टर था। महिला और उसके परिजन ने शारीरिक विकृति (नपुसंकता) छिपाकर शादी की। शादी के चार दिन बाद पति को पता चला की महिला वैवाहिक रिश्ता नहीं बना सकती। शादी के कुछ दिन बाद महिला दहेज का सामान समेटकर मायके चली गई। शादी में खर्च हुई लाखों रुपए की राशि भी उनके परिजनों ने पति को नहीं लौटाई।
मेडिकल बोर्ड ने खोली पोल

कोर्ट की सुनवाई के दौरान भी युवती और उसके परिजन ने शारीरिक विकृति की बात नहीं मानी, उल्टा पति पर गंभीर आरोप लगाए। कोर्ट ने मेडिकल बोर्ड का गठन किया। करीब डेढ़ साल की आनाकानी के बाद कोर्ट ने सख्ती से महिला की जांच कराई और उनके झूठ की पोल खुली। शादी के पहले परिजन ने दो बड़ी सर्जरी भी कराई, जिसकी जानकारी भी नहीं दी गई।
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