script60 लाख तक में बिकती है तेंदुए की खाल | Wildlife smuggling has spread across the country | Patrika News

60 लाख तक में बिकती है तेंदुए की खाल

locationइंदौरPublished: Dec 09, 2021 07:48:11 pm

– लगातार हो रही वन्यजीव के अंगों की तस्करी- इस साल ही वन विभाग और पुलिस की गिरफ्त में आए चार गिरोह

इंदौर.
वन्यजीवों के संरक्षण और अंगों की तस्करी रोकने के लिए कड़े कानून होने के बावजूद तस्करी पर लगाम नहीं लग पा रही है। वन्यजीवों की तस्करी का जाल पूरे देश में फैला है। बाघों के दांत और मूंछों का इस्तेमाल कई तरह की तांत्रिक क्रियाओं के लिए किया जाता है। कई तस्कर गिरोह तेंदुए के ही अंगों को बाघ का बताकर मोटी कीमत पर बेचते हैं। कई स्थानीय तस्करों के कनेक्शन अन्य राज्यों से मिले हैं। हालांकि, ज्यादातर मामलों में बड़े रैकेट का खुलासा नहीं हो सका है। इस साल इंदौर और आस-पास के क्षेत्र में तेंदुए की खाल की तस्करी के ही चार मामले सामने आ चुके हैं। पकड़ाए तस्करों ने तेंदुए की खाल के लिए 30 से 60 लाख तक सौदा किए जाने की बात कबूली है। इसके अलावा दांत, पूंछ और मूंछ के बालों के लिए भी मोटी राशि वसूली जाती है।
– नवंबर 2020 में बड़वाह से बाइक सवार संतोष और श्रीराम के पास से तेंदुए की खाल जब्त की गई। इस खाल का सौदा 50 लाख रुपए में किए जाने की बात सामने आई थी। शिकारी अब तक गिरफ्त से दूर हैं।
– जनवरी 2021 में खजराना पुलिस ने महू से 20 साल पुरानी बाघ की खाल जब्त की। इस खाल का सौदा करीब एक करोड़ में किए जाने की जानकारी मिली थी।
– नवंबर 2021 में क्राइम ब्रांच और खुड़ैल पुलिस ने 6 लोगों को पकड़कर उनसे तेंदुए की खाल और 6 नाखून जब्त किए। इस खाल का सौदा 70 लाख रुपए में किया जाना था।
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वन्यजीवों के शिकार और उनके अंगों की तस्करी रोकने के लिए लगातार कार्रवाई की जाती है। 70 फीसदी से ज्यादा मामलों में वन्यजीवों के अंगों की तस्करी की वजह अंधविश्वास सामने आई है। शिकारियों व तस्करों पर शिकंजा कसने के लिए और सख्ती बरती जाएगी।
– नरेंद्र पांडवा, डीएफओ
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