इंदौर जिले के 45 थाने, महिला थाने में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, लेकिन इसकी निगरानी की कोई व्यवस्था नहीं है। एक थाने में सिर्फ 4 कैमरे लगे हैं, निगरानी भी वहां के टीआइ का पास ही है। जब भी थाने में विवाद, मारपीट होती है तो टीआइ कह देते हैं, कमरा बंद है, रिकॉर्डिंंग नहीं है। थानों में 13 से 15 दिन की ही रिकॉर्डिंग रहती थी और उसमें भी मनमानी होती थी। हवालात में मौत के मामलों की भी रिकॉर्डिंग नहीं मिल पाती थी। सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे ही मामलों को देखते हुए रिकॉर्डिंग ज्यादा समय तक सुरक्षित रखने के आदेश दिए थे।
एक सप्ताह में शुरू होगा काम
कोर्ट के निर्देश को ध्यान में रख मुख्यालय ने अब कदम आगे बढ़ाया है। रेडियो पुलिस ने योजना पर काम शुरू कर दिया है। रेडियो पुलिस मुख्यालय ने टेंडर जारी करने के बाद केंद्र सरकार की एजेंसी टेली कम्यूनिकेशन इंडिया लि. (टीसीआइएल) को सीसीटीवी लगाने का ठेका सौंप दिया है। टेंडर प्रक्रिया में १० कंपनियों ने भाग लिया था। अगले एक सप्ताह में एजेंंसी काम शुरू कर देगी।
कोर्ट के निर्देश को ध्यान में रख मुख्यालय ने अब कदम आगे बढ़ाया है। रेडियो पुलिस ने योजना पर काम शुरू कर दिया है। रेडियो पुलिस मुख्यालय ने टेंडर जारी करने के बाद केंद्र सरकार की एजेंसी टेली कम्यूनिकेशन इंडिया लि. (टीसीआइएल) को सीसीटीवी लगाने का ठेका सौंप दिया है। टेंडर प्रक्रिया में १० कंपनियों ने भाग लिया था। अगले एक सप्ताह में एजेंंसी काम शुरू कर देगी।
जिले के साथ भोपाल से रखी जाएगी नजर एजेंसी को सभी थाने, चौकियों में कैमरे लगाने का ठेका दिया है, वर्क ऑर्डर जारी हो रहा है। 67 करोड़ रुपए खर्च होंगे। 18 महीने की रिकॉर्डिंग सुरक्षित रहेगी, संबंधित जिले के साथ भोपाल के अधिकारी नजर रखेंगे। किसी भी तरह के विवाद की स्थिति, जांच अथवा कोर्ट केस में रिकॉर्डिंग पेश की जा सकेगी ।
– राजेश कुमार सिंह, सीनियर पुलिस अधीक्षक, रेडियो
– राजेश कुमार सिंह, सीनियर पुलिस अधीक्षक, रेडियो