अब खजराना मंदिर में पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ सकेंगे वेद-पुराण, अध्यात्म केन्द्र की तरह होगा विकसित
इंदौर. शहर में खजराना मंदिर परिसर को देव दर्शन और आस्था के साथ अध्यात्म केंद्र की तरह विकसित किया जाएगा। यहां अनूठी आध्यात्मिक प्राकृतिक लाइब्रेरी आकार लेगी, जहां ऋषि-मुनियों के आश्रम की तरह पेड़ के नीचे धर्म-अध्यात्म-दर्शन-नैतिक शिक्षा की किताबें पढ़ सकेंगे। मंदिर को ऊर्जा संरक्षण का मॉडल भी बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
शहर में लोगों की आस्था के केंद्र खजराना गणेश मंदिर में देव दर्शन और धर्मार्थ के क्षेत्र में पर्याप्त कार्य किए गए हैं। हरियाली के लिए विविध प्रजाति के पेड़ लगाए गए। अब मंदिर प्रबंधन का फोकस मंदिर को भारतीय संस्कृति, अध्यात्म व दर्शन का केंद्र बनाने पर होना चाहिए, ताकि दर्शन के लिए आने वाली पीढ़ी धर्म-संस्कृति के इस पहलू से भी परिचित हो सके।
समिति की बैठक में सदस्यों ने इस दिशा में प्रयास के लिए अलग-अलग मॉडल बनाने पर विचार किया। कलेक्टर लोकेशकुमार जाटव ने बताया, शहर में साहित्यिक और पठन-पाठन के लिए लाइब्रेरी हैं। यहां आध्यात्मिक दर्शन से संबंधित किताबों के साथ सामान्य से अलग आध्यात्मिक लाइब्रेरी बनाएंगे। यह ओपन होगी। पुस्तक आदि के लिए सुरक्षित हॉल रहेगा। पढऩे के लिए पेड़ों के नीचे व्यवस्था की जाएगी। इसकी डिजाइन पर काम कर इसे ऐसा लुक देंगे कि यहां इन किताबों का अध्ययन करने और हमारी धर्म-संस्कृति के बारे मंे जानने के लिए युवा आकर्षित हों।
धर्मशाला बनेगी ग्रीन बिल्डिंग खजराना में भोजनशाला में सौर ऊर्जा का उपयोग करने की दिशा में भी सोच रहे हैं। धर्मशाला का भी निर्माण एेसे किया जाएगा कि यहां ऊर्जा खपत कम से कम हो। इसका भवन ग्रीन बिल्डिंग की तर्ज पर बनाएंगे। इस मौके पर निगमायुक्त आशीषसिंह ने कमेटी के अन्य कार्यों की रूपरेखा और प्रसाद के संबंध में जानकारी दी।
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