शहर में सोमवार को आखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की रैली निकाली गई। इस दौरान शहर की कई मुख्य सड़कें जाम रही हैं।
इंदौर। शहर में सोमवार को आखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की रैली निकाली गई। इस दौरान शहर की कई मुख्य सड़कें जाम रही हैं। राजनीति का दबदबा इतना कि एक मासूम को गोद में लिए महिला की पुकार भी अनसुनी कर दी गई। वह अपने बच्चे को लेकर करीब 1 किमी तक दौड़ी और हॉस्पिटल में भर्ती किया।
पश्चिम इंदौर का एक बड़ा इलाका करीब 4 घंटे तक जाम की आगोश में रहा। वजह थी एबीवीपी की रैली। तेज बुखार के कारण मासूम देवांश की हालत बिगड़ती जा रही थी। देवांश को गोद में लेकर उसकी बुआ महक तलरेजा रैली के पीछे जाम में फंस गई। महक ने आगे आकर लोगों से रास्ता देने को कहा ताकि जल्द से जल्द नन्हें देवांश को इलाज मुहैया कराया जा सके। लेकिन किसी ने भी उनकी आवाज नहीं सुनी। रैली के दौरान न तो किसी कार्यकर्ता ने उनकी आवाज सुनी, न ही ड्यूटी पर तैनात किसी पुलिसकर्मी ने। आखिर में महक ने देवांश को गोद में उठाया और करीब 1 किमी तक दौड़ लगाकर पहुंची।
बदहवाश महिला ने सिंधूनगर से भंवरकुआं चौराहा तक दौड़ लगाई और अस्पताल में मासूम को भर्ती किया। डॉक्टर्स की टीम ने भी कड़ी मेहनत के बाद मासूम की जान बचाई। महक की तरह की कई लोग इस जाम के शिकार हुए। जहां-जहां से यह रैली निकली वहां-वहां लोगों को समस्याओं का समाना करना पड़ा।
जिम्मेदारों ने झाड़ा पल्ला
> एबीवीपी के प्रांत अध्यक्ष डॉ नीतेश शर्मा ने पूछताछ के दौरान कहा कि सभी कार्यकर्ताओं ने जिम्मेदारी संभाली थी। इस दौरान फंसे हुए लोगों को कार्यकर्ताओं ने ही बाहर निकाला था। महिला के बारे में पता नहीं चल पाया।
> कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने कहा कि राजनीतिक दलों को शक्ति प्रदर्शन के दौरान विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि किसी आमजन को समस्या का सामना ना करना पड़े।
> सीएम के प्रमुख सचिव एसके मिश्रा ने कहा कि इस सम्मेलन का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। छात्रों के बीच अनुशासन का खास ध्यान भी रखा गया था। हालांकि ऐसे मामलों में सीएम शिवराज सिंह चौहान बहुत संवेदनशील हैं।