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सत्ताधारी नेता और अफसरों पर फेंकती थी जाल, रूचि दिखाने वाले होते थे शिकार

locationइंदौरPublished: Sep 20, 2019 10:54:58 am

Submitted by:

Lakhan Sharma

– छतरपुर में भी आरती के कई शिकार, नहीं आ रहे सामने- रूपए देने के बाद भी डर, हमारा नाम न आ जाए सामने

VIDEO : हनीट्रैप में बड़ा खुलासा : निगम इंजीनियर से मांगे थे तीन करोड़, पैसा लेने भोपाल से आई महिला तो पुलिस ने धरदबोचा

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इंदौर। हनी ट्रेप गैंग के मामले में पकड़ाए आरोपितों से कई नए खुलासे हो सकते हैं। यह गैंग सत्ताधारी नेताओं, प्रमुख पदों पर काबिज अधिकारियों और बड़े व्यापारियों पर अपना जाल फेंकती थी। एनजीओ के लिए काम और सरकारी ठेकों के टेंडर लेने के लिए मिलती थी। फिर दोस्ती कर कम उम्र की लड़कियों को ले जाया जाता था। जो अधिकारी रूचि दिखाता था उसको अपने जाल में फंसाया जाता था। पुलिस को जानकारी मिली है की इन्होंने कई नेताओं और अधिकारियों से मेलजोल बढ़ाया, लेकिन कई ने इनकी हरकतों को देखते ही किनारा कर लिया था तो कई जो चरित्रहीन थे वे इनके चंगुल में फंस गए।
उधर पुलिस अब इनकी कॉल डिटेल के साथ ही संपत्ति की जांच भी कर रही है। साथ ही इनसे जो मोबाईल बरामद हुए हैं उनका डाटा भी रिकवर किया जा रहा है। इसमें पता लगाया जाएगा की इन मोबाईल से कितने वीडियो बनाए और कितने डिलीट हो गए। उधर पुलिस को सूत्रों के माध्यम से कई अन्य अधिकारियों, व्यापारियों और राजनेताओं के भी ब्लेकमेल होने की जानकारी मिली है। लेकिन जब अफसरों ने इन लोगों से संपर्क किया तो वे सामने आने को तैयार नहीं है। इंदौर क्राईम ब्रांच की टीम ने हनी ट्रेप मामले में भोपाल से श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वपनिल जैन और बरखा सोनी को गिरफ्तार किया था। वहीं इंदौर से आरती दयाल, मोनिका यादव और ओमप्रकाश कोरी को गिरफ्तार किया था। इनमें से पुलिस आज दोनों श्वेता और बरखा को कोर्ट में पेश करेगी। इन तीनों का एक दिन का ही रिमांड पुलिस को मिला था। वहीं आरती, मोनिका और ओमप्रकाश का २२ सितंबर तक रिमांड है। पुलिस ने जब श्वेता जैन के घर पर दबिश दी तो उससे १४ लाख रूपए से अधिक की राशि ज्बत की गई थी। एक तरफ पुलिस कह रही है की फरियादी हरभजनसिंह से पहली किश्त के ५० लाख रूपए देने के पहले ही आरती, मोनिका और ओमप्रकाश को गिरफ्तार किया तो फिर श्वेता से १४ लाख १७ हजार रूपए पुलिस ने बरामद किए। एएसपी क्राईम अमरेंद्र ङ्क्षसह ने बताया की हम श्वेता से पुछताछ कर रहे हैं की ये राशि उसने किससे ली थी। इसके साथ ही आरोपितों की संपत्तियों की जांच भी शुरू करवाई जा रही है। पुलिस सूत्रों का कहना है की महिलाएं कई लोगों को ब्लेकमेल कर चुकी हैं, बावजूद इसके अधिकारी, नेता, व्यापारी सामने आने को तैयार ही नहीं है।

– छतरपुर में भी हैं कई पीडि़त
हनी ट्रेप में फंसाकर ब्लैकमेल करने वाले गिरोह की सदस्य आरती दयाल छतरपुर के वार्ड नंबर 37 देरी रोड की निवासी है। आरती ने आठ माह पहले अपने पति पंकज दयाल के खिलाफ छतरपुर के सिविल लाइन थाना में दहेज प्रताडऩा का केस दर्ज कराया था। इंदौर-भोपाल में हनी ट्रैप के मामले का खुलासा होने के बाद छतरपुर में दिनभर सनसनी फैली रही। गिरोह के शिकार बने शहर के करीब एक दर्जन राजनेता और उद्योगपति, व्यापारी व रियलस्टेट कारोबार से जुड़े लोगों के नाम सामने आने के बाद कयासों का दौर चलता रहा है। वहां के कुछ व्यापारी भोपाल-इंदौर से लड़कियां बुलाकर स्थानीय होटलों में उनके लिए कमरा बुक कराते थे।

– लाखों रूपए दे दिए अब सता रहा डर
इनमें से ही कुछ लोगों के वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैक मेल किया गया था। गिरोह के चंगुल में फंसकर कई व्यापारी और नेता इन्हें लाखों रुपए देकर खुद को बचा चुके है। अब इन्हें डर सता रहा है की आरती की गैंग पकड़ाने के बाद कहीं इनके नाम सामने न आ जाएं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आरती दयाल छतरपुर शहर के 10 नामचीन लोगों को अपना शिकार बना चुकी है। ये दस लोग बड़े बिजनेसमैन और नेता है। आरती ने पहले उनसे संपर्क बनाया और हनी ट्रेप में फंसाने के बाद वीडियो वायरल करने की धमकी देकर इन लोगों से तगड़ी रकम वसूली। अपने नाम और रुतबा को बचाने के लिए इन लोगों ने आरती की मांगे पूरी की और उससे पीछा छुड़ाया।


– बढ़ सकते हैं आरोपित
उधर पुलिस इस मामले में रिमांड की अवधि के दौरान आरोपित बढ़ा सकती है। कारण है की इन महिलाओं की कॉल डिटेल के आधार पर पुलिस ने कुछ और लोगों को हिरासत में लिया है। इनसे पुछताछ की जा रही है। हालांकि महिलाओं के इतने हाई प्रेाफाईल लोगों से संपर्क थे की वे सभी को अपने जाल में फंसाना चाहती थी। कुछ का वे इस्तमाल करती थीं तो कुछ से अनैतिक काम करवाती थी। पुलिस ने महिलाओं के कुछ रिश्तेदारों से भी पुछताछ शुरू की है। इंदौर के साथ ही भोपाल पुलिस भी मामले में जांच कर रही है और पुरे मसले पर मुख्यालय से नजर रखी जा रही है।

– आनन फानन में हुई कार्रवाई
पुलिस सूत्रों का कहना है की आरती, मोनिका और ओमप्रकाश के इंदौर में गिरफ्तार होने के बाद पुलिस ने आनन फानन में दोनों श्वेता ओर बरखा पर कार्रवाई की। कारण था की आरती पुलिस को बता चुकी थी की इनके किन किन हाई प्रोफाईल लोगों से संपर्क है। एसे में अगर इसी दिन गिरफ्तारी नहीं होती तो पुलिस के अफसरों पर दबाव बढ़ सकता था। लेकिन एक ही दिन एक साथ सभी की गिरफ्तारी होने से कोई भी राजनेता या अधिकारी इनके पक्ष में सामने नहीं आया न ही अधिकारियेां को फोन लगाए। हालांकि जिन राजनेताओं और अधिकारियों के इनसे संबंध थे वे अब सफाई देने में लगे हैं की वह सिर्फ इनसे काम के लिए ही मिलते थे।

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