script

स्वाइन फ्लू से महिला की मौत, आठ मरीज आए सामने, स्वास्थ्य विभाग में हडक़ंप

locationइंदौरPublished: Nov 10, 2018 05:00:52 pm

स्वाइन फ्लू वायरस एच१एन१ ने तापमान कम होते ही अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है।

swine

स्वाइन फ्लू से महिला की मौत, आठ मरीज आए सामने, स्वास्थ्य विभाग में हडक़ंप

इंदौर. स्वाइन फ्लू वायरस एच 1 एन 1 ने तापमान कम होते ही अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। इस बीमारी से एक महिला की मौत हो गई। मामले में बड़ी लापरवाही 16 अक्टूबर को ही हो गई थी, जबकि जांच के लिए सैंपल 2 नवंबर को भेजा गया। अब स्वास्थ्य विभाग अस्पताल को नोटिस जारी करने जा रहा है। महू नाका निवासी 42 साल की महिला को बुखार और निमोनिया के चलते श्री अरबिंदो इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में भर्ती किया गया था। अस्पताल प्रबंधन ने एच 1 एन 1 की जांच के लिए सैंपल लिया, लेकिन इस बीच महिला की मौत हो गई। सैंपल वहीं पड़ा रहा। अस्पताल ने 2 नवंबर को सैंपल जांच के लिए भेजा। भोपाल की लैब से इसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। मरीज की मौत के 17 दिन बाद सैंपल भेजा गया। अस्पताल को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है। इंदौर में अलग- अलग इलाकों से 8 स्वाइन फ्लू के मरीज सामने आ चुके हैं, जिसके बाद अब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इलाज की तैयारियों में जुट गए हैं।
गौरतलब है कि स्वाइन फ्लू पहले भी प्रदेशभर में कई लोगों की जान ले चुका है। स्वाइन फ्लू का असर बढऩे से इन दिनों फिर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने अलर्ट जारी कर दिया है और अस्पतालों मे पहुंचने वाले मरीजों की स्क्रीनिंग की जा रही है। सर्दी- जुखाम के मरीजों का डाटा अलग रखा जा रहा है जिनसे अगले आठ से दस दिन बाद भी पूछताछ कि जाएगी कि वे ठीक हुए या नहीं। गौरतलब है कि स्वाइन फ्लू के लक्षण भी लगभग वायरल फीवर की तरह ही होते हैं, जिसके चलते लोग इसे पहचान नहीं पाते। इसका वायरस ठंड में ही एक्टिव होता है।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार हाल ही में 8 नए मरीज सामने आए हैं। जो गोयल नगर, महुनाका, बरलई, राऊ, गुरुनानक कॉलोनी, महू, हवा बंगला क्षेत्र के हैं। खास बात यह है कि इसका वायरस हवा में होता है। जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है वह सबसे पहले इसके शिकार बनाते हैं। सीएमएचओ डॉ. अशोक डागरिया का कहना है कि लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। अगर सर्दी- जुखाम लंबे समय तक ठीक न हो तो घर पर बैठे रहने से बेहतर है शासकीय अस्पतालों में पहुंचकर डॉक्टरों को दिखाएं और अपनी जांचें करवाए।

ट्रेंडिंग वीडियो