इंदौर. महूनाका चौराहे से चाणक्यपुरी चौराहे के बीच रविवार को हजारों शहरवासी हाथों में तिरंगा लिए दिखे तो लगा आज ही स्वतंत्रता दिवस हो। भारत माता की जयघोष व वंदे मातरम के शंखनाद से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। सुरक्षाबलों से लेकर अखाड़ों और योग गुरुओं के साथ ही बाइकर्स ने रोमांचक करतब का प्रदर्शन कर नईदिल्ली के राजपथ की यादें ताजा करा दीं। ४० से अधिक समाज के हजारों लोग अपने परंपरागत परिधान में शहर के नाम दर्ज हो रहे इस विश्व कीर्तिमान के साक्षी बनने सडक़ पर उतरे तो विविधता में एकता का संदेश भी दिया। करीब तीन घंटे तक इस १२ किमी क्षेत्र में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां जारी रहीं।
सुबह हूनाका चौराहे से चाणक्यपुरी चौराहे तक तिरंगा हाथ में लिए टोलियां भारत माता की जयकारें लगा रही थीं। स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में हुए इस आयोजन में अमर शहीद भगतसिंह के परिजन तेजविंदर सिंह संधू, अभय संधू, सुखदेव सिंह के परिजन अनुजसिंह थापर और डॉ. गयाप्रसाद कटियार के परिजन क्रांतिकुमार कटियार भी शामिल हुए। इन सभी को आयोजन समिति की ओर से सम्मानित किया गया। महापौर मालिनी गौड़, विधायक सुदर्शन गुप्ता, भाजपा के संभागीय संगठन मंत्री जयपालसिंह चावड़ा सहित अन्य राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि व प्रशासनिक अधिकारी, समाजसेवी आदि इस उत्सव का हिस्सा बने। श्री गुरु सिंघ सभा इंदौर के अध्यक्ष मंजीत सिंह भाटिया के सहयोग से पूरे मार्ग पर तिरंगा आच्छादित किया गया। शहर काजी डॉ. इशरत अली, एचडीएफसी बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक सुनील पंजवानी, विश्वविद्यालय के एनएसएस विभाग प्रमुख डॉ. प्रकाश गेहरवाल, तिरंगा अभियान के रवि अतरोलिया, सिंधी समाज के मोहन ठाकुर तथा बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी भी इस उत्सव में शामिल हुए। श्री श्रीविद्याधाम के आचार्य पं. राजेश शर्मा के निर्देशन में 51 वेदपाठी बालक एवं आचार्य समूचे मार्ग में वैदिक मंत्रोच्चार करते हुए चल रहे थे। माहेश्वरी सोशल ग्रुप के सदस्य भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
सुरक्षा बलों के जवानों ने समां बांधा बीएसएफ , पुलिस, सत्यसाईं विद्या विहार और गुजराती स्कूल के बैंड दल और डीएवीवी के एनएसएस, एनसीसी, सेंट्रल एक्साइज, पहली एवं १५वीं बटालियन, वन विभाग, स्काऊट, एपीटीसीए पीटीसी सहित विभिन्न सुरक्षा बलों के जवानों ने भी मार्चपास्ट कर शहरवासियों का मन मोह लिया।
पूरे समय सांस्कृतिक प्रस्तुतियां
मार्ग में तीन स्थानों पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के लिए मंच बनाए गए थे, जहां महूनाका चौराहे पर कलाकार रागिनी मक्कड़ एवं नादयोग समूह के कलाकारों ने अपने नृत्य-गीत और अन्य प्रस्तुतियों से लोगों के मन में देशप्रेम जगाया, वहीं दशहरा मैदान के पास बने मंच से कमल पाहूजा के संयोजन में मशवरा समूह ने भी सहयोगी कलाकारों के साथ देश की कला एवं संस्कृति को अभिव्यक्त किया।
कॉलेज एवं स्कूलों के छात्र शामिल शहर के लगभग 300 से अघिक कॉलेजों और 30 से अधिक स्कूलों के करीब साढ़े तीन हजार छात्र-छात्राएं, विभिन्न अखाड़ों के उस्ताद और खलीफा, बाइकर्स, योगाचार्य, खिलाड़ी और कलाकार पूरे उत्साह के साथ इस उत्सव के साक्षी बने। दशहरा मैदान पर बीएसएफ के हथियारों की प्रदर्शनी संभवत: पहली बार देखी गई।
राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री को भेंट करेंगे छोटे ध्वज बनाकर
लोक संस्कृति मंच के अध्यक्ष शंकर लालवानी, कुलपति प्रो. नरेंद्र धाकड़ एवं अदिति सिंघल ने इस उत्सव में शामिल सभी सहयोगी बंधुओं, समाज एवं संगठन के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। अब इस तिरंगे के छोटे आकार में ध्वज बनाकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री, राज्यपाल एवं शासन के अन्य मंत्रियों व अधिकारियों को भेंट किए जाएंगे।
वल्र्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड ने दिया प्रमाण पत्र लोक संस्कृति मंच, लोकोपकार सेवा वाटिका वेलफेयर सोसायटी एवं डीएवीवी के संयुक्त तत्वाधान में १२ किमी लंबा तिरंगा लहराने के बाद वल्र्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड की ओर से अध्यक्ष संतोष शुक्ला ने मेरा तिरंगा-मेरा अभियान के सूत्रधार शंकर लालवानी, प्रो. धाकड़ व अदिति सिंघल को प्रमाण पत्र भेंट किया। लालवानी ने बताया कि मथुरा में १० किमी और गाकरखपुर में ११ किमी लंबे तिरंगे का कीर्तिमान बना है। उससे बढ़ा तिरंगा लहराने का कीर्तिमान रविवार को बनाया गया।