इंदौर शहर साल 1966 में बहुत बुरा जलसंकट देख चुका है। उस वक्त हालात कितने खाराब थे कि नर्मदा को 70 किमी दूर से लाने के लिए हर इंदौरी सड़क पर उतर आया था। नर्मदा के तीन चरण इंदौर में पहुंचने के बाद भी हालात अच्छे नहीं हैं। इसकी बड़ी वजह पानी का दुरुपयोग है। एमआइसी सदस्य अभिषेक शर्मा ने बताया कि हमने जल संरक्षण को लेकर नई योजना तैयार कर ली है। इसे बहुत जल्दी लागू कर दिया जाएगा।
बड़े प्रोजेक्ट के लिए भी बने निय़म
अभिषेक शर्मा ने बताया कि अभी फिलहाल निगम सिर्फ मेट्रो प्रोजेक्ट वालों को ही री—यूज पानी उपलब्ध करवा रहा है, लेकिन अब से ऐसा नहीं होगा। शहर में सभी बड़े प्रोजेक्ट निर्माण के लिए रीयूज पानी के उपयोग को अनिवार्य किया जा रहा है।
अभिषेक शर्मा ने बताया कि अभी फिलहाल निगम सिर्फ मेट्रो प्रोजेक्ट वालों को ही री—यूज पानी उपलब्ध करवा रहा है, लेकिन अब से ऐसा नहीं होगा। शहर में सभी बड़े प्रोजेक्ट निर्माण के लिए रीयूज पानी के उपयोग को अनिवार्य किया जा रहा है।
शहर में अभी 500 से ज्यादा पानी सप्लायर यूनिट हैं। आरओ प्रोसेस में लगभग 20 प्रतिशत पानी का नुकसान होता है, लेकिन अब नगर निगम ऐसी प्लांट वालों के लिए रिचार्ज सिस्टम का नियम लागू करेगा।
अभिषेक शर्मा ने बताया कि नगर निगम शहर में बहुत जल्द 1 हजार से ज्यादा पिट बनाने जा रहा है। ये लगभग 15 फीट चौड़ा होंगा और जलजमाव वाले स्थानों के नजदीक ही बनाए जाएंगे। इसके जरिए बारिश का पानी नालियों में बहने की बजाय जमीन में उतारा जाएगा। जिससे जलभराव की समस्या भी हल होगी।