लोगों ने इसकी शिकायत संबंधित जोनल ऑफिस और नर्मदा प्रोजेक्ट के अफसरों सहित निगम मुख्यालय में लगने वाले जल यंत्रालय एवं ड्रेनेज विभाग के दफ्तर में भी की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई और जिम्मेदार सो रहे हैं, जबकि देवधरम टेकरी स्थित फिल्टर स्टेशन पर क्लोरिन के साथ-साथ पानी साफ करने के लिए फिटकरी भी नहीं है। लोगों को बिना क्लोरिन मिले और पानी साफ किए बगैर ही वितरण किया जा रहा है।
बारिश के चलते क्लोरिन मिला पानी न आने पर क्षेत्र की जनता को गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन जिम्मेदार अफसर यह सब कुछ जानने के बावजूद लापरवाह बने हुए हैं। साथ ही जनप्रतिनिधि यानी पार्षद यह देखने के बजाय सो रहे हैं और जनता दूषित पानी पीने को मजबूर है। इस वजह से कभी भी कोई बड़ी घटना हो सकती है, जिसकी जिम्मेदार निगम रहेगी। गौरतलब है कि जुलाई में भी यशंवत सागर में क्लोरिन खत्म हो गया था। क्लोरिन सप्लाय करने के लिए निगम ने जिसे ठेका दिया है, उसने टेंडर शर्त के हिसाब से माल पूरा सप्लाय नहीं किया। नतीजतन यशंवत सागर पर क्लोरिन खत्म हो गया। मामले की पोल खुलने पर अफसरों ने ठेकेदार से तत्काल क्लोरिन मंगवाई जो आई तो सही पर पर्याप्त मात्रा में नहीं। ऐसे में क्लोरिन के फिर खत्म हो गई और लोगों को दूषित पानी बंटने लगा।
इन टंकियों से होती सप्लाय-
यशवंत सागर का पानी बीएसएफ, संगम नगर, पल्हर नगर और किला मैदान टंकी से सप्लाय होता है। कई कॉलोनियों में डायरेक्ट सप्लाय होता है। हालांकि इस डायरेक्ट सप्लाय को बंद करने के लिए निगम नर्मदा की लाइन बिछाकर टंकी से पानी देने की योजना पर काम कर रहा है।
लाइन फूटने से नहीं बंटा पानी
पल्हर नगर क्षेत्र में यशंवत सागार तालाब की पाइप लाइन फुटने से कई कॉलोनियों में आज सुबह पानी नहीं बंटा। इस कारण जन्माष्टमी के त्यौहार पर लोगों को पानी की किल्लत झेलना पड़ी। पिछले दिनों राखी के त्यौहार पर चंदन नगर क्षेत्र में नर्मदा की पाइप लाइन फुंटने से भी क्षेत्र में पानी बंटा था।
नर्मदा का पानी भी गंदा
बारिश के चलते शहर के कई इलाकों में नर्मदा का गंदा पानी आ रहा है। सबसे ज्यादा दिक्कत वहां पर है जहां ड्रेनेज की लाइन चौक और पाइप जजर हो गए हैं। इस कारण नर्मदा की लाइन में ड्रेनेज का पानी मिलकर आ रहा है। बारिश के चलते यह समस्या ज्यादा बढ़ गई है, क्योंकि लाइन लीकेज और चेंबर चौक होने से पानी भरा रहने से यह नर्मदा के पाइप में मिलकर आता है। इस कारण लोगों को जलसंकट का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि पहले ही नल 20 से 25 मिनट आते हैं और इसमें से 10 से 15 मिनट तक नलों में गंदा पानी ही आता रहता है।
वैसे तो बगैर क्लोरिन के पानी सप्लाय नहीं किया जाता है, लेकिन यशवंत सागर का पानी बिना क्लोरिन के कैसे सप्लाय हो रहा है, इसकी आज जांच की जाएगी। क्लोरिन और फिटकरी की कमी है पर इतनी नहीं कि सप्लाय प्रभावित हो।
– संजीव श्रीवास्तव, कार्यपालन यंत्री, नर्मदा प्रोजेक्ट