सीएसपी ज्योति उमठ ने बताया कि युवती की पहचान वैशाली पिता हरेंद्रसिंह गौर (20) निवासी 15वीं बटालियन के रूप में हुई है। वैशाली गुरुवार रात 9.30 बजे शेखर सेंट्रल में सीधे पांचवीं मंजिल पर पहुंची। कानों में हेडफोन लगाकर उसने पांचवीं मंजिल से छलांग लगा दी। वह जिस समय गिरी तब टी स्टॉल पर कुछ लोग खड़े थे। युवती के ऊंचाई से गिरने पर वे सभी डरकर वहां से भाग खड़े हुए।
बुआ की बेटी लगाती रही फोन वैशाली के रात 10 बजे तक घर नहीं पहुंचने पर उसकी बुआ की लडक़ी फोन लगा रही थी। वैशाली के गिरने के बाद मॉल में मौजूद किसी व्यक्ति ने उसका फोन उठाकर बात की, तब परिजन को घटना की जानकारी मिली। परिजन ने फूड सप्लाय का काम करने वाले उसके चचेरे भाई विशाल को सूचना दी। वह पलासिया के नजदीक था, इस कारण तुरंत घटनास्थल पर पहुंचा। वैशाली को वे लोग एमवाय अस्पताल लेकर पहुंचे जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया।
दो सहकर्मियों से हुआ था झगड़ा वहीं पुलिस को प्रारंभिक जांच में जानकारी मिली है कि उसका मॉल में अपने दो सहकर्मियों से किसी बात पर झगड़ा हुआ था। पुलिस इसकी भी जांच कर रही है।
सीसीटीवी फुटेज देखे पुलिस ने घटना की तफ्तीश के लिए मॉल में लगे सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग देखी। इसमें युवती कॉरिडोर में घुमते हुए दिखाई दे रही थी। उसके गिरने की घटना, इसमें कैद नहीं हो पाई।
मुरैना की रहने वाली थी युवती वैशाली मूल रूप से मुरैना जिले की जौरा तहसील के सिहोरी गांव की रहने वाली थी। इंदौर में बुआ के घर पर रहती थी। उसके फुफा उदयराज सिंह कुशवाह पुलिसकर्मी हैं और फिलहाल बड़वानी जिले में पदस्थ हैं। युवती का एक भाई और बहनें हैं, जो उससे छोटे हैं।
क्यों गई मॉल परिजन को भी जानकारी नहीं युवती के परिजन के मुताबिक वैशाली सी-21 मॉल में नौकरी करती थी। सिटी बस से आना-जाना करती थी। वह शेखर सेंट्रल मॉल में क्यों गई, इसकी जानकारी नहीं है। एसपी (पूर्व) अवधेश गोस्वामी ने कहा, सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है।