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इस तरह युवा कर सकते हैं रेलवे से कमाई

locationइंदौरPublished: Sep 15, 2018 12:25:09 pm

Submitted by:

amit mandloi

रेलवे सूचना प्रसारण प्रणाली केंद्र की गवर्निंग काउंसिल मेंबर विनीत गोयनका ने रेलवे में हुए डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के बारे में की बात

indore railway

इस तरह युवा कर सकते हैं रेलवे से कमाई

इंदौर. ट्रेन में सफर के दौरान आप अनुभव करते होंगे कि पंखा बंद है, मच्छर काट रहे हैं, कांच टूटा होगा। आप लोग सोचते होंगे कि रेलवे वाले काम नहीं करते, मैं दो-चार बार बोल चुका। लेकिन निजी हो या सरकारी सेक्टर, अधिकांश कर्मचारी अपना काम गंभीरता से करते हैं। अगर शिकायत मिलती है तो काम होता है। लेकिन पहले समस्या होने पर यात्रा खत्म होने के बाद ही स्टेशन पहुंचकर शिकायत कर पाते थे।
शिकायत केंद्र तक पहुंचने में काफी देर हो जाती, इस दौरान ट्रेन काफी दूर चली जाती है। डिपो पर जाने के बाद ही इसमें सुधार हो पाता था, लेकिन हमने सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया। ट्वीट कीजिए, पीएनआर नंबर बताइए, समस्या हल हो जाएगी। लोगों ने ट्वीट किया, हमने तत्काल एक्शन लेना शुरू कर दिया। जो हमारा काम नहीं था वह भी किया। किसी ने कहा- दूध नहीं है, हमने दूध पिलाया। दूध के बदले में पैसे दे रहे थे तो डीआरएम ने कहा, कैसे आदमी हो बच्चे के दूध का पैसा लूंगा क्या। वाउचर सबमिट नहीं किया। हम उन्हें पैसेंजर नहीं, बल्कि कस्टमर समझते हैं। ये बात रेलवे सूचना प्रसारण प्रणाली केंद्र के गवर्निंग काउंसिल मेंबर विनीत गोयनका ने कही। वे इंदौर मैनेजमेंट एसोसिएशन के ५५वें फाउंडेशन डे पर रेलवे में हुए डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन पर बोल रहे थे।
अब दुश्मन माउस क्लिक करता है
कभी आपने दो लोगों को ही बर्थ अलॉट होने की बात सुनी है। ऐसा होता है। हमें समझना होगा कि अब युद्ध बॉर्डर पर नहीं होता है। कोई गोली नहीं चलाता है, बल्कि माउस क्लिक होता है। पड़ोसी दुश्मन हमारे सिस्टम पर अटैक करता है। क्या वे लोग दो यात्रियों को एक ही टिकट बेचकर अस्थिरता नहीं फैला सकते। हर बर्थ में ऐसा हुआ तो पूरी ट्रेन में अफरा-तफरी मच जाएगी। अगर सुरक्षा जवानों को एक ही जगह पर व्यस्त कर दिया तो पूरे स्टेशन की सुरक्षा का क्या होगा। अगर ये स्थिति देश के १०० स्टेशंस पर हो गई तो सोचें क्या होगा। यह एक्ट ऑफ वॉर है। हमारी टीम २४ घंटे काम कर इस तरह के अटैक से बचाती है। ऐसा कभी नहीं हुआ कि टिकट का पैसा चाइनीज खाते में गया हो।
इस तरह युवा कर सकते हैं रेलवे से कमाई
उन्होंने बताया, कैसे युवा व इंजीनियर्स इनोवेशंस से न सिर्फ लोगों की भलाई कर सकते हैं, बल्कि अच्छी कमाई भी हो सकती है।

डिजिटल ऑडिट डिवाइस: ट्रेन में कॉकरोच, बग्स होते हैं। पेस्ट कंट्रोल, सफाई भी होती है, लेकिन चूक होती है। क्या हम ऐसा हैंड हेल्ड डिवाइस नहीं बना सकते, जो लोकेशन और टाइम के हिसाब से तीन एमएम से छोटे जीव पता कर सके। ऑप्टिकल (आंख) के बदले डिजिटल ऑडिट कर सकें।
ऑटोमेटिक मेंटनेंस : रेलवे के पास १३ लाख इंजन हैं। सभी में बेयरिंग होते हैं। युवा इंटरनेट ऑफ थिंग्स की मदद से ऐसा आविष्कार करते हैं कि बेयरिंग के अंदर कोई डिवाइस हो, जो ऑटोमेटिक मेंटनेंस की अपडेट देता रहे। हर साल हादसों में १५ हजार मौत होती है, एक भी टाल दी तो बहुत बड़ा काम कर लिया।
वुमन ड्रिवन टैक्सी : किसी बोगी में बहुत सी महिलाएं सफर कर रही हैं। क्या स्टेशन पर पहुंचते ही उन्हें वुमन ड्रिवन टैक्सी मिल सकती है, जिससे न सिर्फ वे सेफ फील करें, बल्कि कम रेट पर टैक्सी भी मिल जाए। इस तरह के तमाम डाटा से हम कमाई कर सकते हैं।
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