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एक जज्बा ऐसा, जो खून के रिश्ते से बढ़कर, जानकर आप भी होंगे हैराऩ!

locationइंदौरPublished: Jul 02, 2022 08:44:57 pm

– जिनके अपने नहीं, उनके आखिरी वक्त में बन रहे सहारा- शहर के युवाओं ने जून में 10 लावारिस शवों का किया अंतिम संस्कार

youth of the city

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इंदौर. शहर में आए दिन ऐसे लोग सामने आते हैं, जिनका कोई नहीं होता या फिर परिजन होने के बाद भी वे तिरस्कार झेलते हैं। कोई सड़क पर जीवन बिताता है तो कोई सरकारी अस्पताल में मौत से जुझता रहता है। इन सबके बीच शहर में देवदूत बनकर मदद का हाथ बढ़ाने वाले भी मिल जाएंगे।
जून माह में 10 लावारिसों शवों का अंतिम संस्कार करने वाला कोई नहीं था, तब युवाओं की एक टोली ने आगे आकर सभी का विधि-विधान से अंतिम संस्कार किया। ये नेक काम करने वाले संस्था महाकाल मानव सेवा और सुलताने एकता समिति के जयु जोशी, करीम पठान, फिरोज पठान, प्रियांशु पांडे, आदर्श गंगराड़े, आयुष गंगराड़े, सुनील ठाकुर और संत सरन सेन हैं। प्रियांशु ने बताया, लंबे समय से हमारी टीम बुजुर्गों और लावारिस लोगों की मदद का काम कर रही है। एमवाय अस्तपाल के सहारा वार्ड में भर्ती अज्ञात लोगों की मौत होने पर अधिकांश का हम अंतिम संस्कार कराते हैं। आपस में राशि इकट्ठा कर यह कार्य कराया जाता है। अंतिम संस्कार कराने का सिलसिला लंबे समय से जारी है। हमारा ये अभियान आगे भी जारी रहेगा। 10 के अलावा 2 अन्य शवों की जानकारी निकालकर उनके परिजन तक पहुंचा गया और उन्हें शव सौंपा गया। 1 शव का अंतिम संस्कार होने के बाद परिजन मिले, उन्हें सदस्यों द्वारा अस्थियां सौंपी गईं।
– जिनके अपने नहीं, उनके आखिरी वक्त में बन रहे सहारा
– शहर के युवाओं ने जून में 10 लावारिस शवों का किया अंतिम संस्कार

एक जज्बा ऐसा, जो खून के रिश्ते से बढ़कर, जानकर आप भी होंगे हैराऩ!
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