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Supreme Court के इस आदेश से 1.25 लाख Home Buyers को होगा बड़ा फायदा, जानिए क्या दिया आदेश

Published: Jul 12, 2020 12:03:24 pm

Submitted by:

Saurabh Sharma

जनवरी 2010 से बकाए पर ब्याज SBI के MCLR से लेने का Supreme Court ने दिया आदेश
1.25 लाख Flat खरीदारों को इस फैसले से फायदा होगा, Developers को भी मिलेगी ब्याज के बोझ से राहत

Supreme Court

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) से नोएडा और ग्रेटर नोएडा ( Noida Greater Noida Devlopers ) के डेवलपर्स को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने अथॉरिटी को जनवरी, 2010 से डेवलपर्स पर बकाया रकम का ब्याज भारतीय स्टेट बैंक ( State Bank of India ) की सीमांत लागत उधार दर ( MCLR ) से जोडऩे का आदेश दिया है। जस्टिस अरुण मिश्रा और यूयू ललित की पीठ द्वारा दिए गए आदेश के मुताबिक, डेवलपर्स को जनवरी, 2010 से बकाया रकम पर ब्याज एसबीआई के एमसीएलआर ( SBI MCLR ) के अनुसार चुकाना होगा। अभी करीब तीन साल के कर्ज पर एसबीआई का एमसीएलआर करीब 7.3 फीसदी है।

1.250 लाख Home Buyers को मिलेगा फायदा
इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए अंतरिक्ष इंडिया ग्रुप के सीएमडी राकेश यादव ने कहा कि डेवलपर्स पर ब्याज का बोझ कम होगा, जिससे उन्हें अपना बकाया भुगतान करने में मदद मिलेगी। साथ ही डेवलपर्स को अथॉरिटी से पूर्णता प्रमाण पत्र (कम्पलीशन सर्टिफिकेट) लेने में आसानी होगी। इससे करीब 1.25 लाख फ्लैट का पजेशन मिलना संभव होने की उम्मीद है। यह नोएडा-ग्रेटर नोएडा के प्रॉपर्टी बाजार को प्रोत्साहन देने का काम करेगा। अाने वाले दिनों में घरों की बिक्री बढ़ जाएगी।

25 फीसदी से ज्यादा ब्याज देना होता था अभी
अभी तक कई मामलों में पेनल्टी लगने से डेवलपर्स को 25 फीसदी से अधिक दर पर ब्याज चुकाना होता था। इस फैसले के आने के बाद करीब 7.3 फीसदी की दर से ब्याज चुकाना होगा। वह भी पिछले 10 साल के बकाए रकम पर। हालांकि, बिल्डरों को तीन महीने के भीतर 25 फीसदी बकाया का भुगतान करना होगा।

नोएडा अथॉरिटी के आवेदन को रद्द किया
सुप्रीम कोर्ट ने अथॉरिटी की ओर से ब्याज की नई दर लाने की पेशकश को खारिज कर दिया और कहा कि यह 1 जनवरी, 2010 से सभी लीज होल्डर के लिए लागू होगा। नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी की ओर से पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता उपस्थित हुए थे। कोर्ट ने कहा कि उच्च ब्याज दर के कारण डेवलपर्स कर्ज चुकाने में सक्षम नहीं है। कोर्ट ने बैंकों को भी लोन एग्रीमेंट का मामला बिना देरी के 10 दिन में पूरा करने का निर्देश दिया।

सोसाइटी के पजेशन प्रतिक्रिया तेज होगी
रियल एस्टेट विशेषज्ञ पद्रीम मिश्रा ने बताया कि इस फैसले का सबसे बड़ा फायदा हाससिंग सोइटी के कम्पलीशन सर्टिफिकेट पर देखने को मिलेगा। नोएडा-ग्रेटर नोएडा में लाखों फ्लैट का पजेशन अथॉरिटी का बकाया नहीं चुकाने के कारण अटका हुआ है। इस फैसले के बाद इसमें बड़ी राहत मिलेगी। घर खरीदारों को उनके घर की चाबी मिलने की उम्मीद बढ़ गई है।

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